गुजरात विधानसभा के स्पीकर का दावा- संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने वाला ब्राह्मण था
गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने एक दावा किया है. उन्होंने कहा है कि एक ब्राह्मण बीएन राव ने संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया था. ब्राह्मणों के एक सम्मेलन में उन्होंने ये दावा किया.
गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने एक दावा किया है. उन्होंने कहा है कि एक ब्राह्मण बीएन राव ने संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया था. ब्राह्मणों के एक सम्मेलन में उन्होंने ये दावा किया.
उन्होंने कहा- 60 देशों के संविधान को पढ़ कर भारतीय संविधान का ड्राफ्ट तैयार कर बाबा साहेब को देने वाले शख्स का नाम था बीएन राव. बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने खुद इस बात को बताया.
उन्होंने कहा- इस महा ब्राह्मणसभा में उपस्थित सभी सम्माननीय लोगों, मैं यहां पर स्पीकर की हैसियत से नहीं आया हूं. एक ब्राह्मण की तरह आया हूं. यहां हम ब्राह्मणत्व पर चिंतन करने के लिए इकट्ठा हुए हैं.
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त्रिवेदी ने उपस्थित लोगों से कहा कि ब्राह्मण जाति के आधार पर किसी के साथ कोई द्वेष ना करें. उन्होंने कहा कि मैं ब्राह्मण में पैदा हुआ तो मेरा डीएनए ब्राह्मण होगा पर इस आधार पर कोई द्वेष न करे ये विनती है.
स्पीकर ने कहा- हम मां भारती की संतान हैं. हम हिन्दुस्तानी हैं. हममें भगवान परशुराम का अंश है, डीएनए है. हम शास्त्र और शस्त्र दोनों की क्षमता रखते हैं, पर हमने शस्त्र को छोड़कर शास्त्र को मान्यता दी है. वर्षों की त्याग, तपस्या, चिंतन, मनन, संस्कृति का जो निचोड़ है वो हमारे डीएनए में मिलता है.
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उन्होंने कहा- भारत के 8 लोगों को नोबेल प्राइज मिला है. उसमें से 7 ब्राह्मण हैं, जो 9वां मिला है, उसका नाम पता है किसी को… अभिजीत बनर्जी… वो भी ब्राह्मण. अन्तराष्ट्रीय न्यायालय का प्रथम भारतीय जज कौन था, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षापरिषद का प्रथम भारतीय प्रमुख कौन है? पता है आपको, सभी देशों के संविधान का अध्ययन कर उनका ड्राफ्ट बना कर बाबा साहब अंबेडकर को देने वाला कौन है, बाबा साहब का सम्मान है, खुद बाबा साहब ने बताया है उनका नाम बीएन राव वो भी ब्राह्मण है.
राजा छत्रसाल को मुस्लिमों ने घेर लिया. राजा ने ब्राह्मण राजा से मदद मांगी. ब्राह्मण राजा का नाम पेशवा बाजीराव था. जब मदद संदेश पहुंचा तो बाजीराव खाना खा रहे थे. खाना छोड़कर उठ गए. पत्नी ने कहा खाना तो खा लो. बाजीराव बोले नहीं अगर मैं अभी बैठा रहा तो इतिहास कहेगा कि क्षत्रिय राजा ने मदद मांगी तो ब्राह्मण राजा खाना खाता रहा. बाजीराव पांच सौ घुडसवारों के साथ निकले और छत्रसाल के दुश्मनों को हरा कर देश की रक्षा की.