Defamation Case: मानहानि मामले में राहुल गांधी की अपील पर बीजेपी विधायक ने दाखिल किया 30 पन्नों का जवाब, 13 अप्रैल को होगी सुनवाई
Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उस टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने कहा था, 'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है'.

Rahul Gandhi Defamation Case: गुजरात से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी की मानहानि के मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने वाली याचिका के संबंध में मंगलवार (11 अप्रैल) को कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. विधायक पूर्णेश मोदी (Purnesh Modi) आपराधिक मानहानि मामले में शिकायतकर्ता हैं. विधायक के वकील केतन रेशमवाला ने कहा कि विधायक एडिशनल सेशन जज आरपी मोगेरा की अदालत में पेश हुए और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर 30 पन्नों की आपत्ति दर्ज कराई.
उन्होंने कहा कि इस मामले पर बहस 13 अप्रैल को होगी जिस दिन सजा पर रोक लगाने की राहुल गांधी की याचिका पर सेशन कोर्ट में सुनवाई होनी है. रेशमवाला ने कहा कि अदालत के आदेश के अनुसार, शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी पेश हुए और हमने अदालत के समक्ष अपनी लिखित आपत्ति प्रस्तुत की और दूसरे पक्ष को प्रतियां प्रदान कीं. हमने दोषसिद्धि पर रोक के खिलाफ 30 पन्नों का लिखित निवेदन दिया है.
गुरुवार को होगी सुनवाई
वकील ने कहा कि गुरुवार को अदालत के आदेश पारित करने से पहले दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि निचली अदालत के दोषसिद्धि के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी की अपील सेशन कोर्ट के समक्ष लंबित रहेगी और बाद में इस पर सुनवाई की जाएगी.
राहुल गांधी को सुनाई थी 2 साल की सजा
पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता की मोदी उपनाम टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया. सूरत मेट्रोपोलिटन अदालत ने राहुल गांधी की 'सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है?' टिप्पणी को लेकर उन्हें मानहानि का दोषी ठहराने के बाद 23 मार्च को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी को 24 मार्च को लोकसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.
कोर्ट से मिली थी जमानत
उन्होंने तीन अप्रैल को सेशन कोर्ट में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर की थी. एडिशनल सेशन जज आर पी मोगेरा की अदालत ने तीन अप्रैल को राहुल गांधी को जमानत दे दी थी और दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई 13 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी थी. अदालत ने पूर्णेश मोदी के साथ ही गुजरात सरकार को भी नोटिस जारी किया था.
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