Gujarat Election: गुजरात में कांग्रेस का ये रिकॉर्ड तोड़ना चाहती है BJP, जानें क्या है प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष का प्लान
Gujarat Election 2022: साल 1975 में पुलिस कांस्टेबल की नौकरी से अपना करियर शुरू करने वाले सीआर पाटिल 2020 में गुजरात बीजेपी अध्यक्ष बनाए गए. वह गुजरात में पहले गैर-गुजराती बीजेपी अध्यक्ष हैं.
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) इसी साल दिसंबर में होने हैं. राज्य में बीजेपी (BJP) पिछले 27 सालों से सत्ता में है और एक बार फिर वापसी करने के लिए जी जान से कोशिश कर रही है. पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव में जीत का दारोमदार गुजरात बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत रघुनाश पाटिल (Chandrakant Raghunath Paatil) के कंधों पर है.
पाटिल प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के विश्वासपात्र माने जाते हैं और पार्टी को उनके नेतृत्व में रिकॉर्ड जीत के साथ सत्ता में फिर से वापसी करने की उम्मीद है. सीआर पाटिल के पीएम मोदी का विश्वासपात्र होने के पीछे उनका काम और उपलब्धियां कारण बताई जाती हैं. दक्षिण गुजरात की नवसारी सीट से पाटिल गुजरात तीन बार के सांसद हैं. उनके नाम देश में सबसे ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है.
सीआर पाटिल को 2020 में गुजरात बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था. तब से उनके नेतृत्व में पार्टी में कई बड़े परिवर्तन हो चुके हैं. इसमें पिछले साल विजय रूपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाना भी शामिल है. एक कार्यक्रम में पाटिल साफ कर चुके हैं कि अगर बीजेपी राज्य में सत्ता में वापसी करेगी को भूपेंद्र पटेल ही सीएम होंगे. इसके पीछे उन्होंने सीएम पटेल का अच्छा काम गिनाया था. पाटिल ने यह भी कहा था कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों को टिकट आवंटन का फैसला करेंगे.
कांग्रेस का यह रिकॉर्ड तोड़ना चाहती है बीजेपी
बीजेपी उम्मीद जता रही है कि 67 वर्षीय पाटिल के नेतृत्व में बीजेपी कांग्रेस का 1985 की जीत का रिकॉर्ड तोड़ेगी. 1985 में कांग्रेस ने गुजरात की 182 में से एक 149 सीटें जीती थीं. पाटिल ने अपनी ओर से सभी 182 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है.
पाटिल ने इन मुद्दों का निकाला हल
गुजरात सरकार के कई फैसलों के पीछे पाटिल का बड़ा हाथ माना जाता है. इनमें शहरी क्षेत्रों के गुजरात मवेशी नियंत्रण (रख-रखाव) विधेयक 2022 को वापस लिया जाना भी शामिल है. मार्च में इस विधेयक के पारित होने पर बड़े पैमाने पर मालधारी यानी पशुपालकों ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया था. विधेयक को लेकर सरकार के पुनर्विचार पर पहला बयान पाटिल की तरफ से ही आया था. उन्होंने मालधारी समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद बयान दिया था.
इसी तरह पाटिल ने दक्षिण गुजरात के जनजातीय क्षेत्रों में विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा योजना को समाप्त करने का एलान किया था. इस योजना को लेकर जनजातीय विरोध शुरू हो गया था.
'आप' के निशाने पर पाटिल
इस बार आम आदमी पार्टी गुजरात में जोर शोर से चुनावी अभियान चला रही है और उसके निशाने पर पाटिल भी हैं. 'आप' ने फरवरी 2021 में पाटिल के गृह क्षेत्र सूरत में नगर निकायों के चुनाव में 27 सीटें हासिल की थीं. तब से आप कई मुद्दों के साथ पाटिल के महाराष्ट्र मूल का होने को लेकर भी निशाना साध रही है.
सीआर पाटिल का बैकग्राउंड
पाटिल का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पिंपरली अकरौत गांव में हुआ था. पाटिल गुजरात में बीजेपी का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-गुजराती हैं. उन्होंने कक्षा 11वीं में पढ़ाई छोड़ दी थी. पाटिल ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) से टर्नर की डिग्री हासिल की है.
2019 के लोकसभा चुनवा में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, पाटिल के खिलाफ विश्वासघात और धोखाधड़ी का एक मामला लंबित था. पाटिल पेशे से एक किसान और व्यापारी हैं. उनके पिता बॉम्बे प्रेसिडेंसी से 1951 में गुजरात में शिफ्ट हो गए थे. पिता पुलिस में कांसटेबल थे. पाटिल ने भी 1975 में कांसटेबल की नौकरी शुरू की थी. पुलिस कांसटेबलों की एक यूनियन बनाने की कोशिश के चलते उन्हें 1984 में नौकरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था. 1889 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली बीजेपी में पाटिल शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्होंने 1991 में सूरत से नवगुजरात टाइम्स के नाम से एक गुजराती अखबार निकाला था.
कोरोनाकाल में अवैध रेमडेसिविर बांटने का लगा था आरोप
गुजरात हाई कोर्ट विपक्ष के पूर्व नेता परेश धनानी की ओर से पाटिल के खिलाफ दायर एक जनहिता याचिका की सुनवाई करता रहा है. याचिका में आरोप लगाया गया था कि कोरोना लहर के दौरान बीजेपी कार्यालय से पाटिल की ओर से बांटे गए रेमडेसिविर इंजेक्शन अवैध थे. वहीं, पाटिल की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि उन्होंने इन इंजेक्शनों को सीधे फार्मा कंपनी से खरीदकर बांटा था.
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