गुजरात: केजरीवाल सरकार के विज्ञापन पर बीजेपी का हमला, पूछा- कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को कम पैसा और विज्ञापन पर ज़्यादा खर्च क्यों?
हर्ष संघवी ने केजरीवाल सरकार के गुजरात में विज्ञापन पर 75 लाख रुपए खर्च करने पर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि केजरीवाल सरकार अगर यही पैसा कोरोना से पीड़ित बच्चों को देती तो उनका भविष्य उज्जवल होता.
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गुजरात के सूरत से बीजेपी विधायक हर्ष संघवी ने केजरीवाल सरकार के गुजरात में विज्ञापन पर 75 लाख रुपए खर्च करने में हमला करते हुए ट्वीट किया है. हर्ष संघवी ने ट्वीट में लिखा है, 'केजरीवाल सरकार ने गुजरात में विज्ञापनों पर 75 लाख रुपये से अधिक खर्च किए, जिसकी गुजरात में कोई प्रासंगिकता नहीं है, और केवल 2500 रुपये उन बच्चों को दे रहे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है. ज़रा सोचिये, अगर यही पैसा कोरोना से पीड़ित बच्चों को दिया जाता तो उनका भविष्य उज्जवल होता.'
Kejriwal Govt. spent more than 75 lakh rs on ads in Gujarat regarding scheme which has no relevance in Guj.&giving only Rs 2500 pm to the kids who have lost their parents bcz of Corona.
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) July 9, 2021
ज़रा सोचिए,अगर यही पैसा Corona से पीड़ित बच्चों को दिया जाता तो उनका भविष्य उज्जवल होता। (1/2) pic.twitter.com/TbtcvbLdqo
बीजेपी विधायक हर्ष सांघवी ने आगे ट्वीट करते हुए लिखा है कि दूसरी ओर गुजरात सरकार 4000 रुपये उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. कोरोना की लहर में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को भोजन, किट, शैक्षिक आवश्यकताओं और अन्य आवश्यक चीजों के साथ 4000 प्रति माह दे रही है. अंतर स्पष्ट और दृश्यमान है.
On the other hand Gujarat Govt. is committed to provide Rs. 4000 Per month to the kids who have lost their parents in the wave of Corona along with food kits , Educational needs and other essential things.
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) July 9, 2021
The difference is clear and visible.
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आपको बता दें कि केजरीवाल सरकार, दिल्ली से बाहर तमाम अखबारों में सरकारी खर्च पर सरकार के कामकाज का विज्ञापन देती है. इसको लेकर वो विपक्ष के निशाने पर रहते हैं. लेकिन इस बार विज्ञापन को लेकर धारदार हमला बीजेपी की ओर से विधायक हर्ष संघवी ने किया है और बीजेपी शासित राज्यों के मुक़ाबले कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों को कम रकम देने और दूसरे राज्यों में विज्ञापन पर बेवजह ज़्यादा खर्च करने पर किया गया है. देखना होगा केजरीवाल सरकार इसका क्या जवाब देती है.
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