नई दिल्लीः गुजरात के स्थानीय निकाय के चुनावों में बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की है. पिछले चुनावों के मुकाबले बीजेपी ने शहरी इलाकों में सफलता का परचम ज्यादा सीटें जीत कर लहराया है. 25 साल से लगातार सत्ता में क़ाबिज़ बीजेपी ने उस भ्रम को भी तोड़ा है जो 'एंटी इनकम्बेंसी' नाम से जानी जाती है. आपको बताते हैं कि पिछले चुनावों के मुक़ाबले बीजेपी के लिए ये जीत कैसे बड़ी है.


25 साल बाद 2021 में बीजेपी की सीटें अगर देखे और साल 2016 के मुआकबले उनका तुलनात्मक रूप अध्यन करें तो जो पिक्चर उभर कर सामने आती है वह चौंकाने वाला है. साल 2016 में बीजेपी को 389 सीटों पर विजयश्री मिली जबकि कांग्रेस ने सिर्फ़ 176 सीटों पर सफलता हासिल की. साल 2021 में बीजेपी को 489 सीटें हासिल हुई. इस साल 2016 के मुक़ाबले 100 सीटें ज़्यादा थी जबकि साल 2021 में कांग्रेस को 45 सीटों पर सफलता हाथ लगी उसे साल 2016 के मुक़ाबले 121 सीटें कम हासिल हुई.


अब गुजरात के प्रमुख शहरों पर बीजेपी के प्रदर्शन पर नज़र डाल लेते हैं-


राजकोट: 68 (+30)


वडोदरा: 69 (+12)


जामनगर: 50 (+12)


भावनगर: 44 (+10)


सूरत: 93 (+14)


अहमदाबाद: 165 (+ 22)


बीजेपी के लिए ये जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले साल गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं. स्थानीय चुनावों में मिली बड़ी सफलता से उत्साहित बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव में कमजोर कांग्रेस का मुक़ाबला करना मुश्किल नहीं रहेगा.


आपको बता दे पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया था और अपने खाते में 10% वोट बैंक का इज़ाफ़ा किया था जो किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं होता है. लेकिन, स्थानीय निकाय के चुनावों ने उस बढ़त को अब मिट्टी में मिला दिया है. ज़ाहिर तौर पर बीजेपी के लिए स्थानीय निकाय के चुनाव बड़ी ख़ुशख़बरी के साथ-साथ विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र चुनौती को कमजोर भी करते नज़र आ रहे हैं.


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