गुजरात में कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों को राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पर्याप्त बताया है. उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में राज्य सरकार से कोई चूक नहीं हुई और पिछले एक साल से लगातार कोरोना के खिलाफ मुकाबला कर रहे हैं. एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत में विजय रूपाणी ने कहा कि गुजरात में सबसे ज्यादा केस अहमदाबाद, सूरत, राजकोट समेत चार महानगरों से करीब 70 फीसदी सामने आ रहे हैं.


उन्होंने कहा कि सोमवार को यानी कल छह हजार कोरोना के केस गुजरात से आए हैं. लेकिन, संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए मेडिकल फैसिलिटी को बढ़ाया है. आने वाले दिनों में गुजरात मे कोरोना कम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की काफी मांग है उसके बावजूद उसकी कमी नहीं होने दी गई है.


रेमडेसिविर इंजेक्शन की नहीं कमी


गुजरात के सीएम ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का पूरे भारत में कुछ चुनिंदा कंपनियां ही प्रोडक्शन करती हैं. लेकिन, कोरोना केस के बढ़ने के चलते राज्य सरकार की तरफ से इसकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का लगातार प्रयास किया गया है. विजय रूपाणी ने कहा कि इसकी मांग तेजी के साथ बढ़ी है. फिलहाल में रोज दर रोज 25 हजार रोजाना इंजेक्शन का उपयोग करवाते हैं. इसके बावजूद कोई समस्या ना आए इसके लिए असम, महाराष्ट्र समेत कई जगहों पर इंतजाम करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर रेमडेसिविर का प्रोडक्शन होता है, उसका हमने इंतजाम किया है.


कांग्रेस कर रही राजनीति


पार्टी के एक नेता की तरफ से पार्टी दफ्तर में रेमडेसिविर इंजेक्शन के बांटने के सवाल पूछे जाने और कांग्रेस की तरफ से आलोचना पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन जो हॉस्पीटल में भर्ती हैं उन्हें देते हैं.  सेवा की भावना से पार्टी के नेता ने इंजेक्शन बांटे हैं. ऐसा सेवा के भाव से किया है. कांग्रेस उस पर राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि राजनीति छोड़कर कोरोना काल में जनता की सेवा में आगे आना चाहिए.


नहीं लगेगा अब लॉकडाउन


बढ़ते कोरोना के चलते राज्य में लॉकडाउन लगाने के सवाल पर विजय रूपाणी ने कहा- “गुजरात में लॉकडाउन की जरूरत नहीं है. हमने 10 नगरों में 20 घंटे का कर्फ्यू लगाया है. पिछले साल ये बीमारी नई चुनौती थी. बहुत सारी व्यवस्था करनी थी. जिसके चलते देशभर में लॉकडाउन किया गया. आज सालभर में कोरोना को लेकर एक साल का अनुभव है. व्यापारी कह रहे हैं कि व्यापार का घंटा तय कर दो, लेकिन लॉकडाउन ना करो. सुबह 9 से रात के 8 बजे तक काम कर लेते हैं. गरीब लोगों की रोजी-रोटी और व्यापार चलता रहे इसको लेकर नाइट कर्फ्यू पर्याप्त है. पहले 50 हजार टेस्ट करते थे अब हम 1 लाख 30 हजार रोजाना टेस्ट करते हैं.”


ये भी पढ़ें: Exclusive: ऑक्सीजन और रेमडेसिवीर वैक्सीन की कमी पर क्या बोले CM शिवराज सिंह चौहान? पढ़ें