अहमदाबाद: इन दिनों भारतीय राजनीति में तकनीक की पुरानी मान्यताओं से तुलना खूब हो रही है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा है कि गूगल को जैसे पूरी दुनिया के बारे में पता होता है वैसे ही संत नारद को पूरी दुनिया के बारे में जानकारी होती थी. रुपानी ने कहा, ''यह आज के दौर में प्रासंगिक है कि नारद एक ऐसे शख्स थे उनके पास पूरी दुनिया की जानकारी थी. वह उन सूचनाओं पर काम करते थे. मानवता की भलाई के लिए उन सूचनाओं को इकट्ठा करना उनका धर्म था और इसकी काफी जरूरत थी.''


आरएसएस की शाखा विश्व संवाद केंद्र की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ''गूगल भी नारद की तरह सूचना का एक स्रोत है क्योंकि उसे दुनिया में हो रही सभी घटनाओं की जानकारी है.''


गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी से पहले त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देव ने इंटरनेट को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत में महाभारत काल के समय से ही इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है. अमेरिका या किसी अन्य पश्चिमी देश ने नहीं बल्कि भारत ने लाखों सालों पहले इंटरनेट की खोज की थी.


वहीं मोदी सरकार में साइंस टेक्नॉलजी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने स्टीफन हॉकिंग की मौत के बाद कहा था कि ब्रह्मांड विज्ञानी हॉकिंग ने कहा है कि वेदों में रिलेटिविटी की जो थ्योरी है वो आइंस्टीन के e=mc^2 से बेहतर है. उत्तराखंड के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि ज्योतिष सबसे बड़ा विज्ञान है, ये विज्ञान से भी ऊपर है और हमें इसे प्रमोट करना चाहिए. निशंक ने ही एक और बयान में कहा था कि हम आज न्यूक्लियर टेस्ट की बात करते हैं. लाखों सालों पहले ऋषि कनज ने न्यूक्लियर टेस्ट किया था. हमारे ज्ञान और विज्ञान में कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं रही.


ट्विटर पर त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब का उड़ा मजाक, यूजर्स ने पूछा-क्या उस समय आप संचार मंत्री थे?