गुजरात: कोरोना संक्रमितों को समुदाय के आधार पर अलग-अलग वार्डों में रखा- रिपोर्ट
गुजरात में कोरोना संक्रमितों को समुदाय के आधार पर अलग-अलग वार्डों में रखा जा रहा है.मामले को लेकर डिप्टी सीएम ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.
अहमदाबाद: देशभर में फैले कोरोना संकट के बीच गुजरात के अहमदाबाद से हैरान करने वाली खबर सामने आयी है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस छपी खबर के मुताबिक अहमदाबाद सिविल अस्पताल में कोरोना मरीजों को धर्म के आधार पर अलग-अलग वार्ड में रखा गया है. चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर गुणवंत एच राठौड़ ने कहा कि हिंदू मरीजों के लिए एक वार्ड और एक अन्य वार्ड मुस्लिम मरीजों के लिए सरकार के फैसले के बाद बनाया गया था. वहीं उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने इसके बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया.
डॉ राठौड़ ने कहा, “आमतौर पर, पुरुष और महिला रोगियों के लिए अलग-अलग वार्ड होते हैं. लेकिन यहां, हमने हिंदू और मुस्लिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए हैं. ” इस तरह के अलगाव का कारण पूछे जाने पर डॉक्टर राठौड़ ने कहा कि यह सरकार का निर्णय है."
अस्पताल में भर्ती प्रोटोकॉल के अनुसार जब तक किसी भी कोरोना संक्रमित पेशेंट की रिपोर्ट पॉजिटिव या निगेटिव नहीं आ जाती उसे अलग ही रखा जाता है. डॉक्टर राठौड़ ने बताया कि कोरोना वायरस के लिए अस्पताल में भर्ती 186 लोगों में से 150 पॉजिटिव हैं. अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक 150 में से कम से कम 40 मुस्लिम हैं.
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में डिप्टी सीएम पटेल ने कहा, “मुझे इस तरह के फैसले (विश्वास के अनुसार वार्डों) के बारे में जानकारी नहीं है. आमतौर पर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग वार्ड होते हैं. मैं इसके बारे में पूछताछ करूंगा. ”
अहमदाबाद के कलेक्टर के निराला ने भी मामले के किसी भी जानकारी देने से इनकार कर दिया. निराला ने कहा, "हमारी तरफ से ऐसा कोई निर्देश नहीं आया है और हमें इस तरह के किसी भी सरकारी फैसले की जानकारी नहीं है."
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