Gujarat Court On Cow Slaughter: गुजरात के तापी जिले की एक अदालत ने गायों की तस्करी करने के मामले में एक शख्स को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सजा सुनाते वक्त अदालत ने गौहत्या को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए बड़ी खास टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा, "अगर गौ हत्याएं रोक दी जाएं तो धरती की सारी समस्याएं खुद ब खुद ही सुलझ जाएंगी." 


कानूनी समाचार वेबसाइट लाइव लॉ की एक खबर के मुताबिक, तापी जिला अदालत ने अपने आदेश में कहा, "अगर गौहत्या बंद हो जाए तो धरती की सारी समस्याएं हल हो जाएंगी." जिला अदालत के मुख्य जिला न्यायाधीश समीर विनोदचंद्रा व्यास ने आगे कहा, "गाय के गोबर के इस्तेमाल से बनाए घरों पर एटॉमिक रेडिएशन का भी असर नहीं होता है."


गौमूत्र से कई बीमारियों के इलाज बताया


उन्होंने अपने आदेश में गाय के अनगिनत फायदे गिनाए. उन्होंने कहा, "गौमूत्र से कई लाइलाज बीमारियों के इलाज तक संभव हैं." न्यायाधीश ने दावा किया कि धर्म की उत्पत्ति गाय से हुई है क्योंकि धर्म वृषभ से बनता है गाय का बेटा ही वृषभ होता है. अदालत ने कहा, "जहां गायें सुखी रहती हैं, सभी धन और संपत्ति प्राप्त होती है. गाय रुद्र की मां है, वसु की बेटी, अदिति पुत्रों की बहन और ध्रुरूप अमृत का खजाना है." 


गौहत्या को जलवायु परिवर्तन से जोड़ा


मुख्य जिला न्यायधीश ने आगे कहा, "गाय केवल एक जानवर नहीं है, बल्कि यह मां है. इसलिए इसे मां का नाम दिया गया है. एक गाय 68 करोड़ पवित्र स्थानों और तैंतीस करोड़ देवताओं का जीवित ग्रह है. जिस दिन गाय के रक्त की एक बूंद भी पृथ्वी पर नहीं गिरेगी, पृथ्वी की सभी समस्याएं हल हो जाएंगी."


न्यायाधीश ने गौहत्या को जलवायु परिवर्तन से भी जोड़ा. उन्होंने कहा, "आज जो समस्याएं हैं, वे बढ़ते चिड़चिड़ेपन और गर्म स्वभाव के कारण हैं. इसमें वृद्धि का एकमात्र कारण गायों का वध है." हालांकि, जज के इन दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. 


किस मामले में अदालत ने कहीं ये बातें?


बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, 27 अगस्त 2020 को पुलिस ने अवैध रूप से 16 से ज्यादा गायों और बछड़ों से भरे एक ट्रक को पकड़ा था. ट्रक के साथ मोहम्मद अमीन नाम का शख्स भी गिरफ्तार किया गया था. आरोपी पर गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2017, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960, गुजरात नियंत्रण पशु परिवहन आदेश 1975 और गुजरात आवश्यक वस्तु और पशु नियंत्रण अधिनियम 2015 और केंद्रीय मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2015 के संबंधित प्रावधानों के तहत मुकदम दर्ज किया गया था. अदालत ने इसी मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.


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