नई दिल्ली: गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मेरी बात हुई है, पार्टी छोड़ने का सवाल नहीं है, ये मान-सम्मान की बात है. मेरी बात पार्टी हाईकमान से हो गई है. बता दें कि वित्त मंत्रालय छिनने की वजह से नितिन पटेल नाराज हैं. परसों कैबिनेट बैठक 5 बजे से होनी थी लेकिन 9 बजे रात को बैठक शुरू हुई. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी घर जाकर नितिन पटेल को मनाते रहे. किसी तरह मनाकर बैठक के लिए लेकर आए. इसके बाद जब बैठक खत्म हुई तो प्रेस कॉन्फ्रेंस की कुर्सी पर नितिन का जिस तरीके का हाव भाव था वो बताने के लिए काफी था कि आने वाले दिनों में पार्टी का संकट वो बढ़ाने वाले हैं.
नितिन पटेल को जो विभाग मिला है उसका चार्ज उन्होंने नहीं लिया है. दो दिन से वो दफ्तर भी नहीं जा रहे और अब उन्होंने पार्टी नेतृत्व को अल्टीमेटम भी दे दिया है. नितिन पटेल के दफ्तर में सन्नाटा पसरा हुआ है. घर पर भी वो किसी से मिल नहीं रहे हैं. वहां भी चहल पहल नहीं दिख रही है.
26 दिसंबर को शपथ ग्रहण के बाद गुजरात में विभागों का जो बंटवारा हुआ उसमें दो अहम मंत्रालय नितिन से ले लिये गए. नितिन के पास रोड, स्वास्थ्य, नर्मदा और चिकित्सा शिक्षा जैसे 6 मंत्रालय हैं. जबकि पहले वित्त और शहरी विभाग भी इन्हीं के पास था. विवाद वित्त और शहरी विकास मंत्रालय को लेकर है. वित्त सौरभ पटेल को और शहरी विकास सीएम ने खुद के पास रखा है.
नितिन पटेल गुजरात में बीजेपी के सबसे बड़े पाटीदार नेता हैं. कई बार सीएम के लिए इनका नाम उछल चुका है. लेकिन गुजरात की बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में नितिन के कद का कम होना कई सवालों को जन्म दे रहा है. यही वजह है कि हार्दिक पटेल बीजेपी के खिलाफ इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाह रहे. हार्दिक ने कहा, "नितिन पटेल के साथ अन्याय हुआ है. सही स्थान ना मिलने से नितिन पटेल नाराज चल रहे हैं अगर वो कांग्रेस में आ जाएंगे तो उन्हें सम्मानित स्थान दिलाएंगे. मैं नितिन भाई से विनती करता हूं कि हमारे साथ आ जाओ और अहंकार के खिलाफ लड़ो.'' नितिन पटेल को हार्दिक का ऑफर, कहा- कांग्रेस में आ जाएं, सम्मानित जगह दिलवाऊंगा
हार्दिक के ऑफर पर नितिन पटेल क्या कहेंगे ये तो नहीं पता लेकिन जो पाटीदार समाज बीजेपी का पारंपरिक वोटर रहा है वो इस चुनाव में बीजेपी से दूर चला गया. बीजेपी को इस बार 54 फीसदी पाटीदारों का वोट मिला जो कि पहले की तुलना में 31 फीसदी कम है, कांग्रेस को पाटीदारों के 37 फीसदी वोट मिले हैं जो कि पहले से 27% ज्यादा है. यानी पहले के चुनावों में 80 फीसदी पाटीदार बीजेपी के साथ होते थे लेकिन हार्दिक फैक्टर ने गुजरात में बीजेपी को नुकसान पहुंचा दिया. अब अगर नितिन पटेल भी नाराज होते हैं तो फिर 2019 के लिए बीजेपी को बड़ी चुनौती मिल सकती है.