गुजरात में हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है. यह दूसरा ऐसा स्थल है, जिसे इस महीने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. इससे पहले तेलंगाना के वारंगल में पालमपेट स्थित रामप्पा मंदिर को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया था. धोलावीरा गुजरात में कच्छ प्रदेश के खडीर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जो लगभग पांच हजार साल पहले विश्व का प्राचीन महानगर था. हड़प्पा सभ्यता के पुरास्थलों में से एक धौलावीरा 'कच्छ के रण' के मध्य स्थित द्वीप 'खडीर' में स्थित है. 


इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए अपनी खुशी व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”मुझे इस खबर को सुनकर बहुत खुशी हुई. धोलावीरा एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था और हमारे अतीत के संबंधों को जोड़ने की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी भी.” उन्होंने कहा कि अगर आप इतिहास या पुरातत्व संस्कृति में भरोसा रखते हैं तो एक बार धोलावीरा की यात्रा जरूर करें. पीएम ने आगे कहा, "अपने छात्र जीवन के दौरान मैं पहली बार धोलावीरा गया था. उसके बाद गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे धोलावीरा में विरासत संरक्षण और रेनोवेशन से संबंधित पहलुओं पर काम करने का अवसर मिला. हमारी टीम ने वहां टूरिज्म फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का भी काम किया है." 










यूनेस्को ने ट्वीट कर दी जानकारी 


इस बात की जानकारी देते हुए यूनेस्को ने ट्वीट किया, "हड़प्पाकालीन भारत के इस शहर को विश्व धरोहर सूची में अभी-अभी शामिल किया गया. बधाई हो." यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44वें सेशन में भारत को तेलंगाना में रूद्रेश्वर/रामप्पा मंदिर के रूप में एक नया विश्व धरोहर स्थल मिला है, जो 13वीं सदी का है. गुजरात में अब तक तीन विश्व धरोहर स्थल थे, जिनमें पावागढ़ के पास चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और एतिहासिक शहर अहमदाबाद शामिल हैं. 






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