'हीरे का उत्पादन घटा, हजारों लोगों की नौकरी गई', सूरत में मजदूर की आत्महत्या पर डायमंड यूनियन ने बताए हालात
Gujarat Diamond: सूरत डायमंड यूनियन के अध्यक्ष रमेश जिलारिया ने बताया कि गुजरात में हीरे का कारोबार मंदी की मार झेल रहा है. बढ़ती महंगाई के बीच कर्मचारियों का वेतन कम हो रहा है.
Gujarat Diamond Worker Suicide: देश के हीरा कारोबार के गढ़ गुजरात में मंदी का असर दिखने लगा है. यहां 19 जनवरी को एक 31 साल के हीरा मजदूर विपुल जिंजला ने आत्महत्या कर ली. उसके छोटे भाई ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से उसका भाई आर्थिक तंगी का सामना कर रहा था. बढ़ती महंगाई के साथ-साथ वेतन कम हो रहा था और उसके भाई के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया था.
वहीं, सूरत डायमंड यूनियन के अध्यक्ष रमेश जिलारिया का कहना है कि विपुल अकेला नहीं था. उसके अलावा हजारों श्रमिक अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बच्चों की स्कूल की फीस और दैनिक घरेलू खर्चे पूरा करना मुश्किल हो रहा है. कर्मचारी ईएमआई का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं.
10 हजार कर्मचारियों की नौकरी गई
गुजरात अपने डायमंड कारोबार के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है. डायमंड यूनियन पहले भी कई बार कारोबार में दिक्कतों को लेकर आवाज उठा चुका है. डायमंड यूनियन के अध्यक्ष रमेश जिलारिया ने बताया कि हीरा उत्पादन 21 प्रतिशत घटा है. करीब 10 हजार कर्मचारियों की नौकरी गई है. कई लोगों के वेतन में कटौती हुई है.
मंदी का दौर झेल रहा हीरा कारोबार
देश में हीरे के तीन सबसे पड़े प्लांट सूरत, मुंबई और कोलकाता में है. कोरोना वायरस के चलते यहां 70-80 प्रतिशत कर्मचारी ही काम कर रहे हैं. पिछले साल दुनिया की सबसे बड़ी हीरा कंपनी डी बीयर्स ने घाटे में थी. हीरा उद्योग में कोरोना महामारी के बाद हजारों लोगों की नौकरियां गई हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 से ही हीरा कारोबारियों के लिए मुश्किलें पैदा होना शुरू हो गया था. 2016 में नोटबंदी, साल 2017 में जीएसटी, 2018 में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के घोटाले से सबसे बड़ा नुकसान हुआ था. इसके बाद महंगाई और कोरोना के चलते अब तक मंदी का दौर जारी है.
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