Gujarat Doctor Suicide: गुजरात डॉक्टर आत्महत्या मामले में पुलिस जांच तेज, हैंडराइटिंग वेरिफिकेशन के लिए FSL भेजा सुसाइड नोट
Gujarat Suicide: डॉक्टर अतुल चाग 12 फरवरी को अपने आवास पर मृत पाए गए थे. उनके सुसाइड नोट में दो बीजेपी सांसदों का नाम है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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Gujarat Doctor Suicide Case: गुजरात पुलिस लगातार 59 साल के डॉक्टर अतुल चाग की कथित आत्महत्या की जांच (Doctor Suicide Case) कर रही है. चाग ने अपने सुसाइड नोट में दो बीजेपी सांसदों (BJP MP Name) के नाम का जिक्र किया था. पुलिस का कहना है कि डॉक्टर के सुसाइड नोट में बीजेपी सांसद राजेश चुडासमा और उनके पिता नारन चुडासमा का नाम है. हैंडराइटिंग वेरिफिकेशन के लिए राजकोट में क्षेत्रीय फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेजा गया है.
वहीं, नारन चुडासमा ने मामले में उनका नाम घसीटने के पीछे राजनीतिक मंशा का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अडानी समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में गिरावट के कारण बड़ी रकम गंवाने के बाद चाग ने आत्महत्या का कदम उठाया था. वहीं, डॉक्टर अतुल चाग के बेटे का आरोप है कि उनके पिता काफी तनाव में थे, क्योंकि राजेश और नारन ने उनके पैसे नहीं लौटाए थे.
क्या है पूरा मामला?
डॉ. चाग 12 फरवरी को अपने आवास पर पंखे से बंधे मफलर से लटके पाए गए थे. कमरे से गुजराती में एक लाइन का नोट लिखा हुआ था, जिसमें लिखा था 'मैं नारनभाई और राजेशभाई चुडासमा के कारण आत्महत्या कर रहा हूं." चाग के बेटे हितार्थ की तरफ से दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. हितार्थ ने 17 फरवरी को वेरावल टाउन पुलिस में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें जूनागढ़ के बीजेपी सांसद नारन और उनके बेटे राजेश को नामजद किया गया था.
चाग के बेटे का आरोप?
अपनी शिकायत में चाग के बेटे हितार्थ ने दावा किया कि उसके पिता ने 2008 से नारन, नारन के बड़े भाई हीरा और राजेश को अलग-अलग किस्तों में लगभग 1.75 करोड़ रुपये उधार दिए थे. उन्होंने पैसे वापस करने से इनकार कर दिया. चाग ने इसके बाद 2021 में फिर से पैसे मांगे ,लेकिन उन्होंने पैसे देने से साफ मना कर दिया. इसके बाद जब भी डॉक्टर चाग ने पैसे मांगे तो उन्होंने अपहरण की धमकी देना शुरू कर दिया. गिर सोमनाथ के पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह जडेजा ने कहा कि उन्होंने हैंडराइटिंग वेरिफिकेशन के लिए एफएसएल राजकोट को नोट भेजा है. इसके साथ ही एफएसएल को डेटा निकलवाने के लिए डॉक्टर का फोन भी भेजा है.
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