नई दिल्ली: गुजरात में सियासी पारा लगातार चढ़ रहा है. गुजरात विधानसभा चुनाव के शतरंज पर बीजेपी और कांग्रेस में शह मात का खेल जारी है. दोनों दल एक दूसरे को सियासी पटकनी देने के लिए अपने तरकश में लगातार मजबूत तीर इकट्ठा कर रहे हैं. बीजेपी के लिए सिरदर्द रहे युवा तीरों पर कांग्रेस काफी दिनों से डोरे डाल रही थी. आज उसमें एक हद तक कांग्रेस को सफलता मिलती दिख रही है. आज ओबीसी के बड़े नेता बन चुके अल्पेश ठाकोर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले. 23 अक्टूबर को कांग्रेस ज्वाइन करेंगे गुजरात के ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर(डिटेल खबर यहां पढ़ें)




मुलाकात के बाद अल्पेश ठाकोर ने कहा कि वह 23 तारीख को कांग्रेस ज्वाइन करेंगे. बता दें कि 23 अक्टूबर को राहुल गांधी अहमदाबाद पहुंच रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के टिकट पर अल्पेश बनासकांठा के वाव सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. अल्पेश बीजेपी पर लगातार हमलावर रहे हैं. अल्पेश ठाकोर गुजरात मीडिया में छाए हैं, वह एससी-एसटी-ओबीसी मंच के अध्यक्ष हैं. इनको अपने पाले में लाकर कांग्रेस ने बढ़त बना ली.

आपको बता दें कि कांग्रेस ने गुजरात चुनाव को देखते हुए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को साथ आने का न्योता दिया. हालांकि हार्दिक पटेल ने कहा है कि वो चुनाव नहीं लडेंगे. हार्दिक पटेल गुजरात में पाटीदारों के लिए आरक्षण आंदोलन चला रहे हैं. बीजेपी से वह भी नाराज हैं. वहीं जिग्नेश मेवाणी गुजरात में दलित युवा नेता हैं. गुजरात के वरिष्ठ नेता माधव सिंह सोलंकी ने कहा कि यह तीनों कांग्रेस के साथ हैं. मतलब इन तीनों युवाओं के जरिए कांग्रेस ने व्यूह रचना की है.

अब आज की ही दूसरी खबर पर ध्यान दीजिए. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से हार्दिक पटेल के दो खास सहयोगी वरुण और रेशमा ने मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद वरूण और रेशमा बीजेपी में शामिल हो गये. बीजेपी में शामिल होने के साथ ही दोनों ने हार्दिक पटेल पर गंभीर आरोप लगाए. दोनों ने कहा कि हार्दिक पटेल कांग्रेस के एजेंट हैं.

जहां तीन युवाओं(अल्पेश, हार्दिक और जिग्नेश) के जरिए कांग्रेस सियासी व्यूह रचना कर रही है. वहीं बीजेपी पूरी एड़ी चोटी का जोर लगाकर इसे तोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है. हार्दिक पटेल के दो सहयोगियों को तोड़कर बीजेपी ने अपनी चाल चल दी है. परिणाम तो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव में सियासी सरगर्मी तो तेज हो ही गई है.