नई दिल्ली. गुजरात चुनाव इस बार कई मायनों में अलग होगा. इस बार वहां वीवीपैट (Voter Verifiable Paper Audit Trail) मशीनों का इस्तेमाल होगा जिनमें से पर्ची भी निकलेगी. इस पर्ची पर उस उम्मीदवार का नाम व अन्य डिटेल होंगी जिसको आपने वोट दिया है. हालांकि ये पर्ची 7 सेकेंड के बाद मशीन में ही गिर जाती है. गोवा और हिमाचल के बाद गुजरात तीसरा ऐसा राज्य होगा जो इस तकनीक का इस्तेमाल करेगा.

इस मशीन को 2013 में डिजाइन किया गया था. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने इसे डिजाइन किया था. 2013 में ही इसका इस्तेमाल नागालैंड चुनावों में हुआ था. जून 2014 में चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि 2019 का आम चुनाव इसी तकनीक वाली मशीनों से कराया जाएगा.

क्यों महत्वपूर्ण है VVPAT

दरअसल पिछले दिनों EVM पर कई तरह के आरोप लगे थे. कहा जा रहा था कि ईवीएम हैक किए जा सकते हैं. मायावती, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर काफी आक्रामक तरीके से बीजेपी को घेरने का प्रयास भी किया था. अब वीवीपैट के इस्तेमाल से हैकिंग की कोई आशंका नहीं होगी.

खास मोबाइल ऐप

चुनाव आयोग जनता के लिए मोबाइल ऐप भी लॉन्च करेगा. इस ऐप के जरिए लोग किसी भी तरह की गड़बड़ी को रिपोर्ट कर सकेंगे. इसी ऐप के जरिए कर्मचारियों की तैनाती भी होगी और इसी ऐप के जरिए चुनावी रैली को मंजूरी भी मिलेगी.

अलग बैंक अकाउंट

इस बार उम्मीदवारों को एक अलग बैंक अकाउंट भी खोलना होगा जिससे वह प्रचार में खर्च करेंगे. माना जा रहा है कि ऐसा करने से हिसाब-किताब का सही ब्यौरा चुनाव आयोग के पास रहेगा. प्रत्याशी अधिकतम 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है. उम्मीदवार सभी को ई-पेमेंट करे यह भी कहा गया है.