गुजरात में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी हिंदुत्व के मुद्दे पर आकर यह चुनाव जीतना चाहती है. इस राज्य में 27 साल से बीजेपी की सरकार है और यह चुनाव मोदी और बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई के तौर पर देखा जाता है.


आम आदमी पार्टी भी जनता के बीच अपनी जगह बनाने के लिए काफी मशक्कत करने में लगी है. इस बार बीजेपी को उसकी ही प्रयोगशाला गुजरात में आम आदमी पार्टी ने घेरने के लिए हिंदुत्व का कार्ड खेला है. गुजरात चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय नोटों पर लक्ष्मी और गणेश की फोटो लगाने की मांग की है.


अरविंद केजरीवाल की राजनीति में हिंदुत्व का तड़का अचानक नहीं आया है. अन्ना आंदोलन से निकली उनकी आम आदमी पार्टी ने शुरुआत में हिंदुत्व वाली राजनीति से दूरी बनाए रखी थी. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का अरविंद केजरीवाल  ने स्वागत किया था. आम आदमी पार्टी की विचारधारा का पहला टर्निंग प्वाइंट था.


कांग्रेस की तरह आप भी सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर


दरअसल यह पहली बार नहीं है जब कोई पार्टी बीजेपी को उनके ही हथियार से ही हमला करने की कोशिश कर रही है. साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को हराने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व का सहारा लिया था. प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 27 मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की थी.  यूपी चुनाव जैसे कई मौकों पर भी देखा गया कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने हिंदू वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश की. अब केजरीवाल भी उसी लाइन पर चलते दिख रहे हैं.


गुजरात दौरे पर पहुंचे केजरीवाल ने 8 अक्टूबर को कहा था, "मैं एक धार्मिक आदमी हूं, हनुमान जी का कट्टर भक्त हूं. हनुमान जी की असीम कृपा है मेरे ऊपर. सारी आसुरी शक्तियां मेरे खिलाफ एक हो गई हैं."


अरविंद केजरीवाल ने अपने एक बयान में गुजरात में गायों के लेकर कहा था, "हम सब लोग गाय को अपनी माता मानते हैं, अगर गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो हर गाय की अच्छी तरह से देखभाल करेंगे. हर गाय के रखरखाव के लिए हम लोग 40 रुपये प्रति गाय प्रतिदिन के हिसाब से देंगे.''


इसके अलावा पिछले कुछ दिनों में केजरीवाल हिन्दूवादी वेशभूषा में सोमनाथ मंदिर के दर्शन करने भी पहुंच चुके हैं. हाल ही में वह गुजरात में द्वारकाधीश मंदिर और स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर भी होकर आए हैं.


कांग्रेस को नहीं पहुंचा था खास फायदा


साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हिंदुत्व की राजनीति का को फायदा नहीं हुआ था. हालांकि एकतरफा माने जा रहे इस मुकाबले में कांग्रेस ने बीजेपी को खासी टक्कर दी थी. कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं जबकि उसकी सीटें 50 से कम आंकी जा रही थी. कांग्रेस की इन सीटों में पाटीदार आंदोलन का बड़ा रोल था. दूसरा इस चुनाव में पहली बार ऐसा था कि सीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी की ओर से नरेंद्र मोदी चेहरा नहीं था. इस चुनाव में बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही थी.


आम आदमी पार्टी की रणनीति
हिंदुत्व की पिच पर बीजेपी को घेरना आसान नहीं है. क्योंकि इसमें दो राय नहीं है कि राम मंदिर आंदोलन से खड़ी हुई पार्टी ने अभी तक हिंदुत्व के हर एजेंडे को आक्रमकता से लागू किया है. ऐसे में आम आदमी पार्टी की ये रणनीति एक बड़ा रिस्क हो सकता है. लेकिन अगर पार्टी इसमें थोड़ी भी सफलता पाती है तो भारतीय राजनीति का बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है.