Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों की तरफ से लगातार एक दूसरे पर जोरदार हमले किए जा रहे हैं. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को गुजरात में रैली कर दिल्ली के बटला एनकाउंटर का जिक्र कर कांग्रेस पर बड़ा हमला किया. उन्हें कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने बटला एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर दिए. कुछ दल सूरत और गुजरात को आतंकवाद से सुरक्षित नहीं रख सकते.


पीएम मोदी ने कहा कि आज दल आतंकवादियों के साथ खड़े दिख रहे हैं. बड़ी मश्किल से गुजरात को आतंकवाद से सुरक्षित रखा है. मुंबई आतंकी हमले के बाद कांग्रेस हिन्दू पर आतंक का लेबल लगा रही थी. कुछ दल आज कांग्रेस के रास्ते पर चले गए हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, गुजरात और देश को कांग्रेस समान विचारों वाले ऐसे दलों के प्रति सतर्क रहना होगा. जो अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए ‘बड़े आतंकवादी हमलों’ पर चुप रहते हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने सालों तक नर्मदा बांध परियोजना का विरोध करने वाले लोगों को चुनावी टिकट दिया, उन्हें गुजरात में कदम रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. प्रधानमंत्री ने गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर खेड़ा जिले में भरूच जिले के आदिवासी बहुल नेत्रंग और सूरत शहर में रैलियों को संबोधित किया. उन्होंने सूरत में बड़ा रोडशो भी निकाला.


'बड़े आतंकवादी हमलों पर चुप रहने वाले दलों से सतर्क रहें'


खेड़ा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आतंकवाद अभी समाप्त नहीं हुआ है और कांग्रेस की राजनीति नहीं बदली है. जब तक तुष्टीकरण की राजनीति चलती रहेगी, आतंकवाद का डर बना रहेगा.’’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस आतंकवाद को वोट बैंक के चश्मे से देखती है. न केवल कांग्रेस, बल्कि उसके समान विचार वाले कई दल आ गये हैं जो आतंकवाद को कामयाबी पाने के ‘शॉर्टकट’ के रूप में देखते हैं और ऐसे छोटे दलों की सत्ता की भूख और भी बड़ी है.’’ हालांकि, उन्होंने किसी छोटे दल का नाम नहीं लिया. मोदी ने कहा, ‘‘जब बड़े आतंकवादी हमले होते हैं तो इन दलों के मुंह बंद रहते हैं कि कहीं उनका वोट बैंक नाराज न हो जाए। वे आतंकवादियों को बचाने के लिए पिछले दरवाजे से अदालत भी जाते हैं.’’


'मुठभेड़ में कांग्रेस के एक नेता आतंकवादियों के समर्थन में रोने लगे'


मोदी ने कहा, ‘"जब बटला हाउस मुठभेड़ हुई थी तो कांग्रेस के एक नेता आतंकवादियों के समर्थन में रोने लगे. गुजरात और देश को ऐसे दलों से सतर्क रहना चाहिए. दिल्ली में 2008 में हुई इस मुठभेड़ में बटला हाउस के एक फ्लैट में छिपे दो आतंकवादी मारे गये थे और एक पुलिस अधिकारी को भी जान गंवानी पड़ी थी. 2014 में आपके एक वोट ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया. अब अपने शहरों में तो आतंकवादी हमलों की बात भूल जाइए, हमारी सरहद पर भी ऐसे हमलों से पहले हमारे दुश्मन 100 बार सोचते हैं. वे जानते हैं कि भारत उनको घर में घुसकर मारेगा.’’


'सर्जिकल स्ट्राइक और हमारे सशस्त्र बलों की क्षमता पर संदेह'


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ परोक्ष इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उनके समान विचार वाले दलों ने सर्जिकल स्ट्राइक और हमारे सशस्त्र बलों की क्षमता पर संदेह प्रकट किया था. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को हल्के में लेने वाले देश आज आतंकवाद के चंगुल में हैं और आतंकवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. कांग्रेस की राजनीति बदली नहीं है, वहीं छोटे दल भी वोट बैंक की राजनीति करने लगे हैं.


मोदी ने कहा, ‘‘जब तक वोट बैंक की राजनीति रहेगी तब तक आतंकवाद के फिर से सिर उठाने का डर भी बना रहेगा. जो आतंकवाद का गंदा खेल खेलते हैं, हमें उनसे गुजरात को बचाना है. यह लंबी लड़ाई है और हमें आपका समर्थन चाहिए.’’ मोदी ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों की 14वीं बरसी के एक दिन बाद कहा, ‘‘मैं दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना करता हूं.’’मुंबई हमलों में पाकिस्तान से आये 10 आतंकवादियों ने कई जगहों पर हमला किया था जिनमें 166 लोग मारे गये थे और कई घायल हो गये थे.


औकात वाले ब्यान पर फिर बोले पीएम मोदी


उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में भी अहमदाबाद और सूरत में एक के बाद एक बम विस्फोट हुए थे और कई लोगों की जान चली गयी थी. गुजरात में हमने आतंकवादियों की स्लीपर सेल पर नजर रखी और आतंकियों को गिरफ्तार किया. लेकिन केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार आतंकवादियों पर निशाना साधने के बजाय केवल नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने में दिलचस्पी रखती थी.’’ गुजरात में रविवार को कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह ‘‘मोदी को उसकी औकात दिखाएंगे.’’


प्रधानमंत्री ने कहा, आज कांग्रेस अध्यक्ष गुजरात में हैं. उन्हें सोनिया बेन (सोनिया गांधी) ने यहां भेजा है. वह यहां आये और कहा कि मोदी को उसकी औकात दिखाएंगे. मेरी कोई औकात नहीं है. मैं तो आम आदमी की तरह जन्मा था. देखते हैं कि वह मुझे मेरी औकात कैसे दिखाते हैं.’’इससे पहले नेत्रंग में उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस देश में आदिवासी समुदाय के प्रति कोई सम्मान नहीं रखती है और उसने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का भी विरोध किया था.


'नर्मदा बांध परियोजना को पूरा करने के लिए अनशन पर बैठना पड़ा'


मोदी ने कहा, ‘‘बिरसा मुंडा हों या गोविंद गुरु, कांग्रेस ने देश के आदिवासी नेताओं को सम्मान नहीं दिया.’’ पाटीदारों के गढ़ माने जाने वाले सूरत शहर के मोटा वरछा इलाके में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि नर्मदा बांध परियोजना को पूरा करने के लिए उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा था. सूरत के लोगों को एक बात याद रखनी चाहिए. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी, लेकिन यह 50 सालों तक ठप रही. उन्होंने (कार्यकर्ताओं ने) सुनिश्चित किया कि बांध परियोजना के लिए दुनिया में कोई भी गुजरात को धन न दे. उन्होंने (आप) ऐसे लोगों को टिकट दिया है.”


उन्होंने कहा, “अगर हम ऐसे लोगों को हमारे राज्य में अपना पैर जमाने दें तो यह पाप करने जैसा है, क्योंकि वे तीन पीढ़ियों के भविष्य को नष्ट कर देते हैं.” मोदी ‘आप’ का जिक्र कर रहे थे, जिसने 2014 के लोकसभा चुनाव में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को टिकट दिया था. पाटकर ने सरदार सरोवर बांध के खिलाफ अभियान चलाया था. ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल फिलहाल सूरत में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी को उम्मीद है कि वह शहर में कुछ सीटें जीतेगी.


'कांग्रेस को लगता है देश में बुनियादी ढांचा बनाने की जरूरत नहीं '


साल 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने कहा, “इस बांध की बदौलत हम सौराष्ट्र और कच्छ के सूखे इलाकों में पानी उपलब्ध कराने में सक्षम हुए.” उन्होंने कांग्रेस पर भी परियोजना को पूरा करने में बाधा डालने का आरोप लगाया और कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब बांध की ऊंचाई बढ़ाने के लिए उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा था. मोदी ने कहा, “कांग्रेस को लगता है कि देश में बुनियादी ढांचा बनाने की जरूरत नहीं है, लेकिन सूरत के लोग बुनियादी ढांचे की अहमियत जानते हैं.”


उन्होंने कहा, “केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासन के दौरान, हमने मेट्रो रेल परियोजना और सूरत शहर के लिए एक हवाई अड्डे के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने. ‘डबल इंजन’ वाली सरकार आने के बाद सूरत का हवाई अड्डा सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है और मेट्रो का काम शुरू हो गया है.” मोदी ने कहा कि देश के विकास के लिए ‘डबल इंजन’ वाली सरकारें जरूरी हैं. इससे पहले उन्होंने सूरत शहर में बड़ा रोडशो भी निकाला. सूरत हवाई अड्डे से वरछा तक 27 किलोमीटर के रास्ते में सड़क के दोनों ओर हजारों लोग खड़े थे. मोदी सोमवार को राज्य में चार रैलियों को संबोधित करेंगे.


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