Gujarat Exit Poll: ओवैसी के आंसू देखकर भी आखिर क्यों नहीं पिघला गुजरात के मुसलमानों का दिल? जानें क्या कहते हैं आंकड़े
Gujarat Election 2022 Exit Poll: कहा जाता है कि गुजरात की कुल 182 सीटों में से 42 सीटों पर मुस्लिम वोटर बड़ी भूमिका निभाता है.
Asaduddin Owaisi in Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव में दोनों चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं और अब सभी को नतीजों का इंतजार है. प्रदेश के वोटर्स ने अपना फैसला सुना दिया है. अंतिम चरण की वोटिंग समाप्त होने के बाद सभी मीडिया संस्थानों की ओर से एग्जिट पोल भी जारी कर दिए गए हैं. एग्जिट पोल्स के अनुसार बीजेपी में एक बार फिर से वापसी हो रही है. एग्जिट पोल से AIMIM प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को तगड़ा झटका लगा है.
गुजरात की कुल 182 सीटों में से ओवैसी ने सिर्फ 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. उन्हें उम्मीद थी कि बिहार की तरह गुजरात में भी उनकी पार्टी का झंडा बुलंद होगा. गुजरात विधानसभा में उन्होंने जीत हासिल करने के लिए सारे हथकंडे अपनाए. ओवैसी ने पहले तो गुजरात के मुसलमानों को बीजेपी से डराने का प्रयास किया, जब वो काम नहीं आया तो आंसू बहाकर इमोशनल करने की कोशिश की.
गुजरात के मुसलमानों ने 'भाईजान' को नकारा!
गुजरात में 6 करोड़ से ज्यादा की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी तकरीबन 10 फीसदी है. कहा जाता है कि प्रदेश की कुल 182 सीटों में से 42 सीटों पर मुस्लिम वोटर बड़ी भूमिका निभाता है. इसके बाद भी गुजरात विधानसभा में सिर्फ तीन मुस्लिम विधायक हैं. ये सभी कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं. कांग्रेस ने इस बार 6 जबकि AAP ने सिर्फ 3 मुस्लिम नेताओं को टिकट दी है. ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारे हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक ओवैसी को गुजरात के मुसलमानों ने एकदम से नकार दिया है. उन्हें एक भी सीट मिलती नजर नहीं आ रही है.
गुजरात में 'वोटकटवा' साबित हुए ओवैसी?
टाइम्स नाउ नवभारत एक्जिट पोल के मुताबिक, चौंकाने वाली बात यह रही कि सबसे ज्यादा 36 फीसदी लोगों ने कन्फ्यूजन की स्थिति दिखाई है, यानी 'कह नहीं सकते'. दूसरे नंबर पर 30 फीसदी लोगों ने ओवैसी को 'वोटकटवा' करार दिया. 22 फीसदी ने कहा कि ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिम वोट हासिल किया और महज 12 फीसदी मानते हैं कि उनका संगठन खड़ा हो रहा है.
टाइम्स नाउ नवभारत एग्जिट पोल के मुताबिक, जनता से सवाल किया गया था कि 'गुजरात में ओवैसी की पार्टी कितना बड़ा फैक्टर बनी?' जवाब देने के लिए चार विकल्प (वोटकटवा, मुस्लिम वोट हासिल किया, संगठन खड़ा हो रहा, कह नहीं सकते) दिए गए थे. महज 12 फीसदी लोगों ने कहा कि ओवैसी का संगठन खड़ा हो रहा है.
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