Ankleshwar Vidhan Sabha: गुजरात विधानसभा के लिए मतदान 1 और 5 दिसंबर को होंगे. अभी तक बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता आया था, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने गुजरात चुनावों में एंट्री मारी है. आप की गुजरात एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, इस बीच अंकलेश्वर सीट पर रोचक मुकाबला होने वाला है.
बीजेपी की सुरक्षित सीट
अंकलेश्वर सीट बीजेपी की सुरक्षित सीट मानी जाती है, मगर कांग्रेस ने अपने एक दांव से बीजेपी की इस सीट को दिलचस्प बना दिया है. दरअसल, बीजेपी ने यहां से अपने सीटिंग विधायक ईश्वर सिंह पटेल को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस ने ईश्वर सिंह पटेल के घर में ही सेंधमारी कर दी है. कांग्रेस ने सीटिंग विधायक के सगे भाई को ही टिकट देकर मैदान में उतार दिया है. अब दोनों सगे भाइयों के आमने-सामने होने से लोगों की नजरें इस सीट पर टिक गई हैं.
चार बार चुनाव जीत चुके सीटिंग विधायक
ईश्वर सिंह पटेल दिग्गज नेता माने जाते हैं क्योंकि वो अंकलेश्वर विधानसभा सीट से चार बार चुनाव जीत चुके हैं. इस सीट पर बीजेपी पिछली 7 बार से चुनाव जीत रही है. इसके साथ ही ईश्वर सिंह पटेल गुजरात सरकार में सहकारिता और वाहन व्यवहार मंत्री के पद पर रह चुके हैं. कांग्रेस ने रणनीति के तहत ईश्वर सिंह पटेल के सगे भाई को ही चुनावी मैदान में उतार दिया है. अंकलेश्वर भरुच जिले की तहसील का मुख्य केंद्र है और मुंबई और अहमदाबाद जाने के राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है. इस सीट पर लगभग 2.50 लाख मतदाता हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में अकलेश्वर सीट से कांग्रेस के अनिल कुमार भगत को टिकट दिया था.
पिछले चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को करीब 30 हजार वोटों से हराया था. अंकलेश्वर सीट पर बीजेपी का 1990 से ही कब्जा है. वहीं कांग्रेस इस सीट पर आखिरी बार साल 1985 में जीती थी. 1985 में कांग्रेस के नथुभाई पटेल ने जेएनपी के ठाकभाई पटेल को करीब 20 हजार वोटों से हराया था. मगर, इसके बाद 1990 में ठाकभाई पटेल चुनाव जीते. जबकि 2002 से इस सीट को ईश्वर सिंह पटेल जीतते आ रहा रहे हैं.
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