अहमदाबाद: गुजरात के उना का एक शख्स भारत भ्रमण पर निकला है. गौतम बुद्ध नाम के इस शख्स का उद्देश्य दलितों की स्थिति को सरकार के सामने लाना है. उना में हुई घटना ने इसके दिलो दिमाग को झकझोर दिया और फिर ये साइकिल लेकर निकल पड़ा.

एबीपी न्यूज़ से गौतम ने कहा, मैं बीजेपी सरकार को दिखाना चाहता हूं कि देश के किस राज्य में दलितों की क्या स्थिति है. वे कहते हैं सबका साथ-सबका विकास लेकिन स्थिति क्या है, ये दिखाना मेरा मकसद है."

11 जुलाई 2016 को उना में रमेश और उसके परिवार पर गौरक्षकों ने हमला किया था. ये लोग मरे हुए जानवरों का चमड़ा निकाल रहे थे. आरोप था कि इन लोगों ने गाय को मारा है. इसका वीडियो दुनियाभर में वायरल हुआ था.

गौतम कहते हैं, जैसा उस दिन मेरे समाज के लोगों के साथ हुआ, वैसा फिर ना हो बस यही चाहता हूं मैं." 30 साल के गौतम अभ तक 32 जिले घूम चुके हैं लेकिन दलित वोटर क्या बीजेपी से नाराज है? क्या इसका फर्क गुजरात चुनाव में पड़ेगा? सवाल इसलिए क्योंकि पिछली बार 13 आरक्षित सीटों में से 10 पर बीजेपी ने जीत दर्ज कराई थी.

वरणावाड़ा की दलित बस्ती के अमृतभाई मकवाना कहते हैं कि उन्हें उना की घटना के बारे में नहीं पता. वे कहते हैं कि सरपंच जिसको बोलता है उसी को समाज के लोग वोट दे देते हैं. वो सभी से नाराज हैं क्योंकि उनके पास घर नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में पता है लेकिन उन्हें घर नहीं मिल पा रहा है.

मेमदपुर गांव की दलित बस्ती के मयूर परमार ने भी उना का वीडियो नहीं देखा. उन्होंने हाल ही में जिग्नेश मेवानी का नाम सुना है. नोटबंदी से वो और उसका परिवार भी प्रभावित हुए थे. गुजरात मे दलित दोनों पार्टियों से नाराज नजर आते हैं, अब ये चुनाव के बाद पता चलेगा कि आखिर दलितों ने किसे अपनी पसंद के तौर पर चुना.