(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gujarat Election Result 2022: गुजरात में कांग्रेस के 37 लाख वोट छीनकर नंबर टू बनी आप, बीजेपी के लिए भी खतरा
Gujarat Election Result 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी ने पांच सीटें जीतकर बड़ी धमक दी है, जिससे कांग्रेस के साथ ही बीजेपी के लिए आगामी चुनावों में चिंता बढ़ सकती हैं.
Gujarat Election Result 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार आठ दिसंबर को घोषित कर दिए गए, जिसमें बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की है और कई नये रिकॉर्ड बनाए हैं, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस के जनाधार का ग्राफ काफी नीचे चला गया. इन दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के बीच गुजरात में आम आदमी पार्टी ने बड़ी दस्तक दी है, जिसने एक तरफ तो कांग्रेस के लिए खतरे का संकेत दे दिया है तो वहीं बीजेपी के माथे पर भी गहरी चिंता की लकीर खींच दी है.
इस बार गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी पूरे दमखम के साथ उतरी और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ताबड़तोड़ कई रैलियां कीं. केजरीवाल ने गुजरात में हर समाज के अंतिम व्यक्ति तक अपनी पहुंच बनाई. हर तबके के लिए कई घोषणाएं और चुनाव प्रचार के हर मंच से दिल्ली और पंजाब का उदाहरण देने का क्रम जारी रखा.
अरविंद केजरीवाल ने की थी भविष्यवाणी
चुनाव प्रचार के दौरान ही 27 नवंबर 2022 को अरविंद केजरीवाल ने भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कागज पर लिखकर दिया- इस बार गुजरात में आप की सरकार बनेगी. केजरीवाल ने कहा कि ये मेरी भविष्यवाणी है, लिखकर रख लो. चुनाव प्रचार खत्म हुआ और एक दिसंबर-पांच दिसंबर को वोट डाले गए और आठ दिसंबर को जब वोटों की गिनती खत्म हुई तो आम आदमी पार्टी को मात्र पांच सीटें मिलीं, लेकिन 35 जगहों पर वह कांग्रेस को दूसरे नंबर से खिसकाने में कामयाब रही.
आप की पांच सीटों की जीत ने केजरीवाल की पार्टी को गुजरात में नई पहचान दी और राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिला दिया. दूसरी तरफ अगर इन पांच सीटों का गणित सुलझाने की कोशिश करें तो पाएंगे कि 2017 के मुताबले इस बार आम आदमी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है और पार्टी को गुजरात की 12.9% जनता ने स्वीकार किया है.
कांग्रेस ने दिखाई सुस्ती, आप की मेहनत रंग लाई
गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने सुस्ती दिखाई, यहां उसने ना कोई खास जनसभा की और ना ही ज्यादा मेहनत की. बड़े नेताओं में राहुल गांधी गुजरात छोड़कर अपनी भारत जोड़ो यात्रा में मगन रहे. ऐसे में गुजरात में कांग्रेस के मैदान छोड़ने से आम आदमी पार्टी को सीधा फायदा मिला. इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जहां 42.97% वोट मिले थे, वे इस बार गिरकर 27% हो गए, वहीं, 2017 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 0.62% था, जो इस चुनाव में बढ़कर 12.9% हो गया है.
कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन रहा
इससे ये कह सकते हैं कि कांग्रेस के वोटों का शेयर आम आदमी पार्टी की तरफ खिसक गया. इस वजह से अब भविष्य में गुजरात में आप की धाक कांग्रेस से ज्यादा हो सकती है. इस बार के चुनाव में कांग्रेस को साल 1990 के बाद, यानी 32 साल में सबसे कम वोट मिले हैं. 1990 में राम मंदिर आंदोलन की लहर में भी कांग्रेस को 31% वोट मिले थे और पार्टी ने 33 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार कांग्रेस को सिर्फ 27.3% वोट मिले हैं और पार्टी 17 सीटों पर ही सिमट गई, जो सबसे खराब प्रदर्शन कहा जा सकता है.
आने वाले समय में आप बन सकती है रोड़ा
कांग्रेस और उसके साथ ही बीजेपी के लिए भी आम आदमी पार्टी आगे आने वाले चुनावों में रोड़ा बन सकती है, क्योंकि दिल्ली में फिर साल 2022 में पंजाब में जबरदस्त जीत हासिल कर सबको चौंका दिया था. इससे पहले पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने 2017 में करीब-करीब इसी तरह घुसपैठ की थी. 2017 के पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 20 सीटों पर जीत हासिल की थी और 27 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. फिर 2022 में 117 सीटों में से रिकॉर्ड 92 सीटें जीतकर सरकार बना ली. बीजेपी और कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका था.
गुजरात में धमक, आप बन गई नेशनल पार्टी
कांग्रेस को गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में 1,24,37,661 वोट मिले थे, जबकि इस बार 86,83,808 वोट ही मिले हैं. यानी कांग्रेस को पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार 37,53,853 वोट का नुकसान हुआ है और आम आदमी पार्टी को 41 लाख वोट मिले. इसके साथ ही नेशनल पार्टी बनने के लिए उसे 6% से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी, जो गुजरात में उसे 13% वोट शेयर मिले और उसके बाद ही आप को नेशनल पार्टी का दर्जा मिल गया.
बता दें कि किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है. आम आदमी पार्टी इससे पहले 3 राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है. कई पार्टियां राष्ट्रीय पार्टी बनने की इच्छा लिए बैठी हैं, लेकिन आम आदमी ने इस दर्जे को हासिल कर लिया है.