Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. अभी तक गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता आया था लेकिन 'आप' के पूरी ताकत से चुनाव लड़ने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात में लगातार सभाएं और रोड शो कर रहे हैं तो वहीं दिल्ली से पार्टी सभी बड़े नेता गुजरात में डेरा जमाए हुए हैं.    

  


इस सबके बीच आम आदमी पार्टी के गुजरात संयोजक गोपाल इटालिया को पार्टी की तरफ से सूरत की कतारगाम विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि 'आप' ने पिछले स्थानीय निकाय चुनाव में सूरत में बेहतर प्रदर्शन किया था. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के द्वीट करके गोपाल इटालिया की सीट का ऐलान किया. बता दें कि गोपाल इटालिया के साथ ही प्रदेश महामंत्री मनोज सोरठिया को भी सूरत की करंज सीट से उम्मीदवार बनाया गया है.     


पाटीदार वोटरों पर 'आप' की नजर
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, " राजनीति में युवाओं की भागीदारी जरूरी है. गुजरात में हमारे प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को सूरत की कतारगाम विधानसभा और प्रदेश महामंत्री मनोज सोरठिया को करंज विधानसभा से गुजरात की जनता चुनाव लड़ाएगी." वहीं आम आदमी पार्टी ने पाटीदार आंदोलन से निकले बड़े नेता अल्पेश कथेरिया और धार्मिक मालवीय को वारछा और ओलपाड विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. इसके साथ ही पार्टी ने गोपाल इटालिया, पाटीदार आंदोलन के नेताओं को उम्मीदवार बनाकर अपनी रणनीति भी साफ कर दी है. 


सूरत के आसपास की सीटों पर पाटीदार निर्णायक
यानी कि आम आदमी पार्टी का फोकस कहीं न कहीं सूरत और इसके आसपास की सीटों पर पाटीदार वोटरों पर रहेगा. दरअसल 2017 विधानसभा के चुनाव से पहले सूरत के पास ही पाटीदार आंदोलन का खासा प्रभाव देखने को मिला था. लेकिन चुनाव बाद यहां बीजेपी को ही बढ़त मिली थी और पार्टी सभी 12 विधानसभा सीटों को जीतने में कामयाब हुई थी. 


इसलिए पाटीदार बाहुल्य इलाकों से बड़े उम्मीदवार उतारे
सूरत और इसके आसपास के जिलों में पाटीदारों की अच्छी तादात है, ऐसे में आम आदमी पार्टी अगर यहां से पाटीदारों को संदेश देने में कामयाब होती है तो इसका संदेश पूरे गुजरात में जाएगा. पार्टी यह बात अच्छी तरह से जानती है कि अगर बीजेपी को गुजरात की सत्ता से बेदखल करना है तो उसे पाटीदारों का साथ चाहिए होगा. खास बात ये है कि सूरत महानगर पालिका में 27 सीटों के साथ आम आदमी पार्टी विपक्ष की भूमिका में भी है. आम आदमी पार्टी गुजरात के पाटीदारों को अपने पाले में करने की भरसक कोशिश कर रही है, पार्टी ने इसलिए ही पाटीदार बाहुल्य इलाकों से बड़े उम्मीदवार उतारे हैं. 


गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया गुजरात के प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आते हैं. इटालिया ने 2015 में पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर हुए आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी.