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वडोदरा: वो शहर जिसने मोदी को प्रचारक से पीएम बनते देखा, क्या अब यहां मोदी का जलवा है?
मध्य गुजरात का वडोदरा वो शहर है जिसने पीएम मोदी को प्रचारक से पीएम बनते देखा. पीएम मोदी ने सालों यहां बतौर संघ प्रचारक काम किया. एबीपी न्यूज़ उस जगह पंहुचा जहां वडोदरा के संघ दफ्तर में पीएम मोदी ने काम किया.
वडोदरा: मध्य गुजरात का वडोदरा वो शहर है जिसने पीएम मोदी को प्रचारक से पीएम बनते देखा. पीएम मोदी ने सालों यहां बतौर संघ प्रचारक काम किया. एबीपी न्यूज़ उस जगह पंहुचा जहां वडोदरा के संघ दफ्तर में पीएम मोदी ने काम किया. वडोदरा के शास्त्री पोल अखाड़ा में संघ का दफ्तर हुआ करता था. अखाड़ा के नाम से मशहूर ये जगह सैकडो साल पुरानी है. फिलहाल यहां से संघ का दफ्तर कहीं और शिफ्ट हो गया है.
इस इमारत के निचले हिस्से में अब यहां भारतीय मजदूर संघ का दफ्तर है. जिसके नेता भास्कर बताते हैं की 1985 तक उन्होंने 5 साल यहां संघ प्रचारक के तौर काम किया. उनके साथ भास्कर ने काम किया. भास्कर ने बताया कि मोदी सभी से संपर्क करते थे. हर से घरेलू संबंध रहता था. हर एक घर जाना. भोजन के लिए स्वयं सेवक प्रचारक के घर जाते थे. भास्कर ने बताया नारायण गुरु आद्य व्यायाम शाला ये बिल्डिंग 100 साल से भी ज़्यादा हो गया. 1948 के आसपास यहां संघ का दफ्तर बना. पास में ही नाश्ता करने जाते थे.
क्या है वडोदरा का सियासी सूरतेहाल ?
मध्य गुजरात के वडोदरा ज़िले में 10 विधानसभा सीटे हैं. जिसमें 5 सीटे वडोदरा के शहरी इलाके में पड़ती हैं. साल 2012 के चुनाव में बीजेपी ने यहां 10 में से 9 सीटों पर चुनाव जीता और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी. बाद में वो निर्दलीय भी बीजेपी में शामिल हो गया. 2014 के लोकसभा चुनाव हुए वडोदरा को पीएम मोदी ने बनारस के बाद दूसरी सीट के रूप में चुना. 5 लाख मतों से पीएम मोदी यहां से चुनाव जीते. बीजेपी के इस मज़बूत किले में पिछले 22 साल से कांग्रेस जीत हासिल नहीं कर पाई है.
वरिष्ठ पत्रकार शैलेश के मुताबिक,' इस बार ऐसा नहीं लगता कि बीजेपी सभी सीट जीत जाएगी. शहर में बीजेपी का दबदबा है.वडोदरा की पांच सीटों पर पिछली बार जीत का मार्जिन कम था. शायद यही वजह है बीजेपी अभी तक 3 सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है. इसका मतलब बीजेपी कहीं घबराई हुई है.'
शैलेश का कहना है कि हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश का असर पड़ने लगा है. कम मार्जिन वाली सीटों पर कांग्रेस को फायदा हो सकता है. आज तक की स्थिति में बीजेपी 6 से 7 सीटों पर मज़बूत है. इस बार कुछ सीट बीजेपी के हाथ से निकल सकती हैं.
सीएम रूपाणी अकोटा से भी लड़ेंगे चुनाव ?
वडोदरा में बीजेपी ने 10 में से अभी तक 7 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किये हैं. तीन सीट जो छोड़ी हैं उसमें वडोदरा की शहरी सीट अकोटा विधानसभा है. सियासी हलकों में चर्चा गर्म है कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी दूसरी सीट के तौर पर अकोटा से चुनाव लड़ सकते हैं.
क्या है जनता का मिजाज ?
सियासी गुणा भाग के बीच एबीपी न्यूज ने वडोदरा की रावपुरा विधानसभा में जनता का मिजाज जानने की कोशिश की. रावपुरा में फूलों की मार्किट में दुकानदार सुरेश से चुनावी माहौल के बारे में बताया कि,' मंदी चल रही है. धंधा मंदा है. टैक्स की वजह से समस्या आ रही है.'
सुरेश ने बताया कि पहले 22 दुकाने फूल की दुकानें थी लेकिन अभी 15- 16 ही बची हैं. सुरेश से जब पूछा गया कि कौन आना चाहिए तो उन्होंने कहा भाजपा आनी चाहिए. उन्होंने कहा,' कांग्रेस आएगी फाइट देगी लेकिन सत्ता पर मोदी ही बैठेंगे.'
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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