Gujrat Elections 2022: गुजरात में किसी भी दिन आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है. चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां जोरो-शोरों से तैयारियों में जुटी हुई हैं. इसी के साथ गुजरात में राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई है. इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित की हैं. राज्य सरकार के इस फैसले से कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हैं.


ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी गुजरात विधानसभा चुनाव में वोट हासिल करने और अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठा रही है.


'UCC लागू करना केंद्र का अधिकार, न कि राज्यों का'


औवेसी ने बनासकांठा जिले के वाडगाम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, "भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव में वोट हासिल करने और अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठा रही है. चुनाव नजदीक आते ही ऐसे मुद्दे उठाना भाजपा की पुरानी आदतों में शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि यूसीसी को लागू करना केंद्र का अधिकार है, न कि राज्यों का तो फिर अब ये सिर्फ चुनावी वोट हासिल करने के लिए यूसीसी का मुद्दा उठाया गया है."


'चुनावी वोट बैंक का जरिया है यूसीसी'


औवेसी ने भाजपा को निशाना साधते हुए कहा कि क्या यह सच नहीं है कि बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि समान नागरिक संहिता स्वैच्छिक होना चाहिए और अनिवार्य नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केवल अपने हिंदुत्व के एजेंडे के साथ आगे बढ़ना चाहती है और वोट पाने के लिए चुनाव से पहले ऐसे मुद्दों को उठाने की उसकी आदत है.
 
यूसीसी समिति गठन के प्रस्ताव को मिली मंजूरी


बता दें, गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए समिति गठित की है. राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक के दौरान समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. इसे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट की आखिरी बैठक माना जा रहा है, क्योंकि राज्य चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है.


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