नई दिल्ली: गुजरात सरकार ने निजी लैब में होने वाले कोविड-19 की टेस्टिंग दर को तय कर दिया है. उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने गुरुवार को बताया कि टेस्टिंग की कीमत 3 हजार रुपये रखी गई है. ये फैसला बुधवार को हुई मुख्यमंत्री स्तरीय वार्ता के बाद लिया गया. उन्होंने बताया कि संशोधित दर गुरुवार से प्रभावी हो गई है और अगर किसी ने दर से ज्यादा लेने की कोशिश की तो उनके लैब की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. आपको बता दें कि नितिन पटेल उप मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री भी हैं.


गुजरात में कोविड-19 टेस्टिंग की दर तय


नितिन पटेल ने बताया, "निजी लैब और अस्पताल कोविड-19 टेस्टिंग के लिए 4500 रुपये वसूलते हैं. इस सिलसिले में गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार ने महसूस किया कि वर्तमान दर को संशोधित किया जाना चाहिए. तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद स्वास्थ्य महकमे ने फैसला किया है कि निजी लैब 2500 रुपये तक कोविड-19 के टेस्टिंग फीस के तौर पर वसूल सकते हैं. ये उस सूरत में होगा जब कोई शख्स लैब में खुद जाकर कोविड-19 का टेस्ट करवाना चाहा.


घटाकर किया गया 2500-3000 रुपये


अब अगर किसी को अपने घर या अस्पताल बुलाकर लैब तकनीशियन से जांच करवाना है तो कोविड-19 जांच के इच्छुक शख्स को 3 हजार रुपये देने होंगे. उन्होंने ये भी बताया कि लैब प्रतिदिन औसत 5 सौ लोगों का कोविड-19 टेस्ट कर रहे हैं. कोविड-19 दर से संबंधित सर्कुलर गुरुवार को ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी कर दिया गया है. उसमें कोविड-19 टेस्ट के दो दरों का जिक्र है. हालांकि ये नहीं साफ किया गया है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले निजी लैब के खिलाफ क्या सख्त कदम उठाए जाएंगे.


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