गांधीनगर: गुजरात में चुनाव से पहले पाटीदारों को पटाने की पैंतरेबाजी तेज हो गई है. एक तरफ राहुल गांधी सौराष्ट्र में हैं तो दूसरी तरफ गुजरात सरकार ने आज पाटीदार समाज की आरक्षण की मांग के लिए आयोग बनाने की घोषणा की. लेकिन हार्दिक पटेल इस एलान से खुश नहीं दिखे.


बीजेपी से नाराज पाटीदारों को पटाने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुद तीन दिन के सौराष्ट्र दौरे पर हैं. जामनगर में पाटीदार समाज के लोगों ने बाकायदा टोपी पहनाकर उनका स्वागत किया तो दूसरी तरफ गुजरात सरकार चुनाव से पहले पाटीदारों को फिर से अपने साथ जोड़ने की कोशिश में लग गई है.


सरकार ने आज पाटीदारों के साथ एक बड़ी बैठक की इस बैठक में पाटीदारों का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हार्दिक पटेल खुद मौजूद थे. सरकार की तरफ से डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने ये भरोसा दिलाया कि आरक्षण की मांग को लेकर सरकार आयोग बनाएगी. पटेल ने कहा कि हमने ये निर्णय किया है कि जिन जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला उनके लिए गुजरात सरकार आयोग बनाएगी.


आरक्षण के लिए आयोग बनाने के अलावा सरकार ने ये भरोसा भी दिया कि आंदोलन के दौरान पाटीदार समाज के जिन लोगों पर मुकदमे किए गए थे, उन्हें वापस लेने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे और मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजे पर भी विचार होगा.


गुजरात में करीब 15 फीसदी पाटीदार हैं. वो राज्य की कुल 182 सीटों में से करीब 80 सीटों पर जीत-हार तय करने की हालत में होते हैं.


वहीं, हार्दिक पटेल कल ही ये कह चुके हैं कि अगर राहुल गांधी उन्हें मिलने के लिए बुलाएंगे तो वो जरूर जाएंगे. अब बीजेपी सरकार से नाराजगी जताकर हार्दिक ने उन अटकलों को और हवा दे दी है कि वो आने वाले चुनाव में कांग्रेस का साथ दे सकते हैं, लेकिन सवाल है कि क्या पहले की तरह पूरा पाटीदार समाज उनके साथ खड़ा होगा?