Gujarat High Court: गुजरात हाई कोर्ट ने बुधवार (24 मई) को एक जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें पुलिस को निर्देश देने की मांग की गई थी कि संत धीरेंद्र शास्त्री की आगामी कार्यक्रमों के दौरान सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने वाली कोई गतिविधि न हो.


26 मई से शास्त्री का कार्यक्रम


शास्त्री मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी हैं. याचिकाकर्ता ने इस आधार पर हाई कोर्ट से अनुरोध किया था कि धीरेंद्र शास्त्री का 'दिव्य दरबार' कार्यक्रम 26 मई से शुरू होने वाला है, लेकिन जस्टिस एसवी पिंटो ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया. 


गुजरात के चार शहरों में शास्त्री का दिव्य दरबार


याचिकाकर्ता अधिवक्ता केआर कोष्टी ने कोर्ट को बताया कि धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार गुजरात के चार शहरों- सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा और राजकोट में 26 मई से 7 जून के बीच निर्धारित है. केआर कोष्टी ने कोर्ट से गुजारिश की कि प्रस्तावित कार्यक्रमों में वक्ताओं को भड़काऊ और डराने वाली भाषा का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जाए, जिससे नफरत फैलाने वाले भाषणों पर रोक लग सके.   


'सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू नहीं किया'


याचिकाकर्ता वकील ने दावा किया कि राज्य सरकार ने तहसीन पूनावाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू नहीं किया है, जिसमें इसके लिए रोकथाम और उपचारात्मक उपाय निर्धारित किए गए हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री पर राजस्थान के उदयपुर में कथित अभद्र भाषा के मामले में केस दर्ज किया गया है और इसी तरह की मांग मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में उनके कार्यक्रमों के बाद की गई थी. इस संबंध में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.


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