'लाइफ पार्टनर पर अवैध संबंध का झूठा आरोप लगाना भी क्रूरता', HC ने तलाक मामले में महिला को लगाई फटकार
High Court on Divorce Case: पति-पत्नी में तलाक को लेकर चल रहे विवाद पर गुजरात हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया. हाईकोर्ट ने पत्नी को फटकार लगाई और उसकी पति के खिलाफ की गई अपील को खारिज कर दिया.

High Court on Divorce Case: गुजरात हाईकोर्ट ने एक विवाहित जोड़े (Husband Wife) की आपसी कलह के मामले में अहम फैसला सुनाया है. यहां बनासकांठा के रहने वाले पत्नी की प्रताड़ना से तंग एक शख्स ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दी थी, पत्नी ने उसके खिलाफ अपील कर दी. पति ने भी हाईकोर्ट का रूख किया, जहां पति की ओर से बताया गया कि पत्नी ने उस पर झूठे अवैध संबंध के आरोप लगाए. उसे एक बेटा भी हुआ था, जिसे पत्नी ने अपने पास रखा. वह खुद घर छोड़कर गई और बेटे को लेकर वापस नहीं आई.
पति के मुताबिक, महिला ने उसे और उसकी मां (सास) को भी प्रताड़ित किया, जिससे वे घर छोड़ने को मजबूर हो गए. पति ने तलाक लेना चाहा था, लेकिन उसकी अर्जी वापस आ गई. जिसके बाद पति ने हाईकोर्ट का रूख किया. अब इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High court) ने अहम फैसला सुनाया है. गुजरात हाई कोर्ट ने महिला की अपील को खारिज करते हुए उसे फटकार लगाई. हाईकोर्ट ने कि अगर कोई महिला अपने पति पर अवैध संबंध का झूठा आरोप लगाती है तो वह भी क्रूरता के बराबर है.
पति ने अपनी पत्नी पर परित्याग और क्रूरता के लगाए आरोप
एक-दूजे से खफा पति-पत्नी गुजरात के साबरकांठा जिले के रहने वाले हैं. प्रांतिज तालुका के रहने वाले शिक्षक की शादी 1993 में हुई थी. जो युवती उसकी पत्नी बनी, उससे 2006 में एक बेटा हुआ था. हालांकि कुछ समय बाद पति-पत्नी में क्लेश होने लगा. 2009 में पति ने गांधीनगर में तलाक के लिए अर्जी लगाई. पति ने अपनी पत्नी पर परित्याग और क्रूरता के आरोप लगाए और कहा कि मुझे तलाक चाहिए.
फैमिली कोर्ट में बताया कि पत्नी ने 2006 में अपना घर छोड़ दिया था और वह बेटे को लेकर भी वापस नहीं आई. पति और उसकी मां की अर्जी को स्वीकार कर फैमिली कोर्ट ने तलाक को अप्रूवल दे दिया. जिसके बाद पत्नी आग बबूला हो गई. पत्नी ने फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर कर दी.
हाईकोर्ट में देानों पक्षों को सुना गया. अंत में हाईकोर्ट ने फैसला दिया, उस फैसले में हाईकोर्ट ने महिला को फटकार लगाते हुए उसकी अर्जी को भी खारिज कर दिया. जज ने कहा कि जब फैमिली कोर्ट में यह साबित हो गया कि पति के किसी के साथ अवैध संबंध नहीं थे तो पत्नी उन आरोपों के आधार पर कैसे सही हो सकती है. यदि कोई अपने जीवनसाथी पर झूठा अवैध संबंध का आरोप लगाए तो वह भी क्रूरता के बराबर है.
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