Morbi Bridge Collapse Latest News: मोरबी पुल ढहने की घटना को लेकर हाईकोर्ट में आज (12 दिसंबर) सुनवाई हुई. राज्य सरकार की हाईकोर्ट में ली गई शपथ के मुताबिक इस हादसे में मरने वालों के परिजनों को अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा. सरकार ने बताया प्रति मृतक कुल दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और घायलों को ₹1,00,000 मुआवजा दिया जाएगा.


कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि राज्य सरकार ने राज्य के सभी पुलों की स्थिति का सर्वेक्षण करने के बाद कोर्ट को रिपोर्ट नहीं सौंपी. हाईकोर्ट ने कहा कि आगे किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए सतर्कता जरूरी है. उच्च न्यायालय ने मोरबी नगरपालिका और राज्य सरकार के हलफनामों में विरोधाभासों के बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा.


नगर निगम भंग करने को सैद्धांतिक मंजूरी


मोरबी झूला पुल हादसे को लेकर सरकार ने मोरबी नगर निगम को भंग करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है. ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर मोरबी नगर निगम भंग होगा. महाधिवक्ता ने इस संबंध में कोर्ट को आश्वासन दिया. दुर्घटना की जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट में पेश की गई है.


हाल ही में सरकार की आलोचना की थी


हाल ही में मामले पर सुनवाई के दौरान पुल का ठेका दिए जाने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की थी. कोर्ट ने कहा, टेंडर जारी किए बिना ही पुल का ठेका देने में उदारता बरती गई. कोर्ट ने नोटिस देने पर मुख्य सचिव के मौजूद न रहने को लेकर भी आलोचना की थी. अदालत ने कहा था कि मामले से बचने की जगह सवालों के जवाब देने चाहिए. 


सरकार ने हाईकोर्ट में कही थी ये बात


मोरबी पुल की मरम्मत का 15 साल का ठेका ओरेवा ग्रुप को दिया गया था. ये ग्रुप अजंता नाम के ब्रांड की वॉल क्लॉक बनाने के लिए फेमस है. वहीं सरकार ने कोर्ट से कहा था कि हादसे के बाद बिजली सी तेज गति से काम किया और कई लोगों की जान बचाई गई. जो दोषी हैं उनके खिलाफ एक्शन होगा.


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