अहमदाबाद: गुजरात के 2002 दंगों के दौरान अहमदाबाद के नरोदा पाटिया हत्याकांड में दोषी माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत 16 लोगों की सजा बढ़ाने पर हाई कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. नरोदा पाटिया केस में दोषी गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 28 साल और बाबू बजरंगी को उम्रकैद की सजा मिली हुई है. माया कोडनानी और बजरंगी ने सजा रद्द करने की मांग की है.


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28 फरवरी 2002 को नरोदा पाटिया में हुए हत्याकांड में 97 लोग मारे गए थे. यह घटना गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगाए जाने के एक दिन बाद हुई थी.


गुजरात के नरोदा पाटिया हत्याकांड में अदालत ने 2012 में 32 आरोपियों को दोषी करार दिया था और 29 को बरी कर दिया था. माया कोडनानी को 28 साल की सजा, बाबू बजरंगी को उम्रकैद, 7 दोषियों को 31 साल की सजा, और अन्य लोगों को 24 साल की सजा सुनाई थी.


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गुजरात उच्च न्यायालय ने पिछले साल अगस्त में 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में विशेष एसआईटी अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. न्यायमूर्ति हर्ष देवानी और न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया की खंडपीठ ने विपक्षी दलों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा था.