Shrimad Yashovijayji Jain Sanskrit Pathshala: क्या आपने कभी सुना है कि बच्चों को पढ़ने के बदले कोई स्कूल पैसे देता हो? शायद नहीं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे एक ऐसा स्कूल जहां बच्चों को निःशुल्क पढ़ाया जाता है बल्कि पढ़ने के बदले रुपये ​भी दिए जाते हैं. यह स्कूल है  ‘श्रीमद यशोविजयजी जैन संस्कृत पाठशाला’ जो कि गुजरात के मेहसाणा में बना हुआ है. यह 125 साल पुरानी संस्था है. इस स्कूल के पहले छात्र योगनिष्ठा श्री बुद्धि सागर सूरीश्वरजी महाराज थे. इन्होंने ही अक्टूबर 1897 में इस स्कूल की स्थापना की थी.


मेहसाणा के इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र से कोई फीस नहीं ली जाती है. इसके साथ ही यहां 6 वर्ष तक की शिक्षा के लिए खाना, घर से लेकर सभी सुविधाएं फ्री हैं. इसके अलावा पढ़ाई पूरी चुके बच्चों को उनके योग्यता के अनुसार 1 से लेकर 6 लाख रुपये तक की रकम भी दी जाती है. जानकारी के मुताबिक अब यहां 2850 बच्चे पढ़ चुके है. इसके अलावा यहां गुजरात के साथ तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र से बच्चे पढ़ने आते है, जो अब यहां बस चुके हैं.


30 लाख छात्रों को मिलता है दाखिला 
संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार हर साल स्कूल में 30 लाख छात्रों को दाखिला मिलता है. विधालय के प्रकाश भाई पंडित ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों, उनके माता-पिता या किसी से भी कोई फीस नहीं ली जाती है. उन्होंने कहा कि ​स्कूल से चार साल की शिक्षा पूरी करने वालों के लिए 1 लाख और 6 साल की शिक्षा पूरी करने वालों के लिए 2 लाख रुपये​ दिए जाते है. इसके अलावा पंडित ने बताया कि नया जैन संस्कृत स्कूल बनाने का काम चल रहा है. जिसकी लागत 13 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि नए परिसर में बच्चों को कई अन्य सुविधाएं मिलेंगी जैसे कैंटीन, हॉस्टल आदि. इसके साथ ही स्कूल के अंदर जैन मंदिर का भी निर्माण किया जाएगा.


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