Bridge Collapse In Gujarat: गुजरात के मोरबी शहर में पुल हादसे का आखिर जिम्मेदार कौन है? सैंकड़ों परिवारों के उजड़ने की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा. हादसे पर जब एक अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गुजरात के मोरबी शहर में ढह गए इस पुल के मरम्मतकर्ता ने दोबारा खोलने से पहले अधिकारियों से फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लिया था. न ही इसे खोलने के लिए सरकार से अनुमति ली गई. 


पुल हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है. आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. सैंकड़ों परिवारों में मातम पसरा हुआ है और सैंकड़ों परिवार अपनो की सलामती की दुआ मांग रहे हैं. कई लोग लापता भी बताए जा रहे हैं. पुल गिरने के बाद सवाल केवल एक ही है कि आखिर यह पुल गिरा कैसे और इसके लिए कौन जिम्मेदार है. ओरेवा नाम की एक प्राइवेट ट्रस्ट ने सरकार का टेंडर मिलने के बाद पुल का रेनोवेशन कराया. मरम्मत के लिए सात महीने से पुल बंद था, जिसे 26 अक्टूबर को फिर से खोल दिया गया. 


पुल खुलने के चार दिन बाद हादसा


बिना किसी की अनुमति के 26 अक्टूबर को इसपुल को फिर से खोला गया था और चार दिन बाद यही पुल सैंकड़ों लोगों की मौत का कारण बन गया. मोरबी नगरपालिका एजेंसी के प्रमुख संदीप सिंह जाला ने एनडीटीवी को बताया कि कंपनी ओरेवा ने पुल खोलने से पहले अधिकारियों से फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लिया था. 


मलबे के बीच लोगों की तलाश 


यह एक सरकारी टेंडर था. ओरेवा ग्रुप को पुल खोलने से पहले इसके नवीनीकरण का विवरण देना था और गुणवत्ता की जांच करनी थी लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया. उन्होंने बताया कि सरकार को इसके बारे में पता नहीं था. हादसे की तस्वीरें और वीडियो सामने आया वह दिल दहला देने वाला था. अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान पूरी रात चलेगा. सेना की टीमें, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और भारतीय वायु सेना के जवान मौके पर हैं, मलबे के बीच फंसे लोगों की तलाश कर रहे हैं.


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