Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में रविवार (30 अक्टूबर) को झूलता पुल टूटने के कारण 80 से ज्यादा लोगों को जान चली गई. माच्छू नदी पर नवनिर्मित ये पुल पांच दिन पहले ही खोला गया था. 6 महीनों से पुल की मरम्मत हो रही थी. इस दुर्घटना के बाद विपक्षी नेताओं ने बीजेपी (BJP) और गुजरात सरकार को घेर लिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने गुजरात सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.


दिग्विजय सिंह ने कहा कि, "मोरबी में बहुत बड़ा हादसा हुआ है. राज्य सरकार ने इस हादसे की जिम्मेदारी ली है. 5 दिन पहले ही उसकी मरम्मत का काम पूरा हुआ था. सरकार को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही करना चाहिए. जिनकी मृत्यु हुई है उनके प्रति हम संवेदनाएं व्यक्त करते हैं. घायलों को उपचार व बचाव की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए."


"क्या यही है आपका विकास मॉडल?"


दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि, "मोदी जी मोरबी के पुल की दुर्घटना 'एक्ट ऑफ गॉड' है या 'एक्ट ऑफ फ्रॉड' है? 6 महीने से पुल की मरम्मत की जा रही थी. इसमें कितना खर्च आया? 5 दिनों में गिर गया. 27 साल से बीजेपी की सरकार है, क्या यही है आपका विकास मॉडल? इस साल जुलाई में कच्छ जिले के ग्राम बिदरा में परीक्षण के पहले दिन नर्मदा नहर टूट गई थी. 8-9 वर्षों से निर्माणाधीन भुज सिटी ओवरब्रिज का उद्घाटन इसी वर्ष किया गया था और इसकी फिर से मरम्मत की जानी थी." 


भ्रष्टाचार के लगाए आरोप


कांग्रेस नेता ने कहा कि, "मुझे बताया गया है कि पूरे गुजरात में केवल मोदीशाह के पसंदीदा ठेकेदारों को ही ठेके मिलते हैं. काम पूरा हुआ, लेकिन भुगतान पूरा हो गया." उन्होंने कहा कि, "सुजलाम सुफलाम योजना में लाखों का भ्रष्टाचार हुआ है. 2014 से कांग्रेस पार्टी इस योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. तालाब की सफाई के नाम पर हर साल मोदीशाह के पसंदीदा एनजीओ को 60-40 के अनुपात में करोड़ों का सार्वजनिक राजस्व स्वीकृत किया जाता है." दिग्विजय सिंह ने कहा कि, "गुजरात में हो रहे भ्रष्टाचार पर कोई शोध करें तो 'एक्ट ऑफ फ्रॉड' नामक पुस्तक लिखी जा सकती है." 


मुआवजा काफी नहीं, दोषियों पर केस चलाएं- ओवैसी 


वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि, "मोरबी ब्रिज हादसे में मरने वालों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. मुआवजा पर्याप्त नहीं है, बीजेपी सरकार को दोषियों पर मुकदमा चलाना चाहिए. पुल को 5 दिन पहले नवीनीकरण के बाद खोला गया था." बता दें कि, मोरबी के झूलते पुल पर ये हादसा रविवार शाम 7 बजे के आसपास हुआ है. उस वक्त पुल पर 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे. ये सभी लोग छठ (Chhath) का त्योहार मना रहे थे. 


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