Gujarat Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में रविवार (30 अक्टूबर) शाम को माच्छू नदी पर स्थित झूलता पुल गिर गया था. इस हादसे में 134 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इस पुल के नवीनीकरण पर 2 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. लगभग 150 साल पुराने इस पुल का रिनोवेशन करने वाली निजी कंपनी ने दावा किया था कि उन्होंने बेहतर तकनीक के साथ पुल की मरम्मत की है. जिसके बाद पुल कम से कम आठ से दस साल तक टिकेगा और लोगों को कोई खतरा नहीं होगा.


ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक ने 24 अक्टूबर को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पुल के कई सालों तक टिकने पर कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने कहा, "अगर लोग संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना यहां मौज मस्ती करते हैं तो ये नवीनीकरण अगले 15 वर्षों तक जारी रह सकता है. उन्होंने कहा कि पुल का "100 प्रतिशत" नवीनीकरण केवल 2 करोड़ में किया गया था." 


क्या कहा था कंपनी ने?


प्रबंध निदेशक जयसुखभाई पटेल ने कहा था कि जैसा कि हम जानते हैं, पुल का निर्माण ऐसे समय में किया गया था जब बहुत अधिक तकनीकी इस्तेमाल नहीं होता था, और पुल को बनाने के लिए केवल लकड़ी के तख्तों और बीम का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने कहा कि पुल की आवश्यकताओं और तकनीकी विशिष्टताओं के अनुसार कच्चा माल प्राप्त किया था. जयसुखभाई पटेल ने आगे बताया कि वे प्रवेश को सीमित करने और भीड़ को प्रबंधित करने के लिए एक प्रवेश शुल्क लेंगे. हम पुल की मजबूती को प्रभावित नहीं करना चाहते हैं. 


उन्होंने कहा था कि छात्रों के लिए और बड़े समूहों में आने वालों के लिए, हम उन्हें छूट देंगे. मुझे सटीक समझौता याद नहीं है, लेकिन हम अगले सात साल तक हर साल एक-दो रुपये प्रवेश शुल्क का संशोधन करेंगे. उन्होंने कहा कि ओरेवा ने देवांग प्रकाश को मरम्मत परियोजना का हिस्सा उप-ठेके पर दिया था, जो देव प्रकाश सॉल्यूशंस नामक एक कंपनी का हिस्सा है. 


समय से पहले खोला 


जयसुखभाई पटेल ने कहा कि उनकी कंपनी संचालन और रखरखाव को संभालेगी, जबकि लाइटिंग की जिम्मेदारी अहमदाबाद स्थित एक कंपनी (देव प्रकाश सॉल्यूशंस) को सौंपी गई थी. कंपनी ने 6-6:30 बजे तक पुल को जनता के लिए खुला रखने की योजना बनाई थी. दस्तावेजों से पता चला कि ओरेवा समूह ने समय से पहले पुल को जनता के लिए खोल दिया गया था. कंपनी ने नागरिक अधिकारियों से फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं लिया था. 


125 लोगों का वजन उठा सकता था पुल


घड़ी बनाने वाली कंपनी अजंता ने पुल के लिए एक टिकट 17 रुपये में बेचा था. अजंता ओरेवा समूह (Oreva Group) का हिस्सा है. पुल को जल्दी खोलने के अलावा, सुरक्षा के हर नियम को तोड़ा गया. रविवार शाम को जब केबल टूट गई, तो ब्रिज पर करीब 500 लोग थे, जिससे सैकड़ों लोग नदी में गिर गए. अधिकारियों के अनुसार, पुल केवल 125 लोगों का वजन उठा सकता था. 


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