Morbi Bridge Collapse: बिना मंजूरी के ब्रिज खोलने से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक...मोरबी हादसे को लेकर अब तक उठे ये 10 बड़े सवाल
Gujarat Bridge Collapse: पुलिस ने कहा कि कंपनी के पास मरम्मत का काम पूरा करने के लिए दिसंबर तक का समय था, लेकिन पुल को पहले ही खोल दिया.
![Morbi Bridge Collapse: बिना मंजूरी के ब्रिज खोलने से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक...मोरबी हादसे को लेकर अब तक उठे ये 10 बड़े सवाल Gujarat Morbi Bridge Collapse Police tells 10 Lapses found in renovation of bridge in Court Morbi Bridge Collapse: बिना मंजूरी के ब्रिज खोलने से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक...मोरबी हादसे को लेकर अब तक उठे ये 10 बड़े सवाल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/02/aee68c677063a9ea8a2b67a8ab23b38e1667398370880432_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Gujarat Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में रविवार (30 अक्टूबर) को हुए पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे के बाद पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें से चार लोगों को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने पुलिस हिरासत में जबकि अन्य पांच को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. इस मामले को लेकर पुलिस ने अदालत को बताया कि पुल के रिनोवेशन में कई खामियां थीं. एनडीटीवी को मिले दस्तावेजों के अनुसार, अदालत में सूचीबद्ध 10 खामियां ये थीं-
1. पुल के नवीनीकरण के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री घटिया थी और पूरी संरचना कमजोर थी.
2. नवीनीकरण से पहले इस 143 साल पुराने पुल का कोई संरचनात्मक ऑडिट नहीं हुआ था.
3. सस्पेंशन ब्रिज के कई केबलों में जंग लग गया था, जिसमें वह हिस्सा भी शामिल था जहां से पुल टूटा था. अगर केबल ठीक कर दी जाती तो हादसा नहीं होता.
4. पुल के रिनोवेशन के हिस्से के रूप में, केवल प्लेटफॉर्म बदला गया था, केबल नहीं. इसके लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री ने वजन बढ़ा दिया.
5. नवीनीकरण कार्य के लिए लगाए गए ठेकेदार ऐसे कार्य के लिए योग्य नहीं थे. सब-कांट्रैक्टर ने केवल नवीनीकरण के लिए केबलों को पेंट और पॉलिश किया. इसी फर्म को 2007 में भी एक अनुबंध दिया गया था. इस फर्म को हालांकि अयोग्य घोषित किया गया था.
6. पुल को जनता के लिए खोल दिया गया था, यह निर्धारित किए बिना कि यह कितने लोगों को ले जा सकता है.
7. इसे फिर से खोलने से पहले सरकार की मंजूरी नहीं ली गई थी.
8. कोई आपातकालीन बचाव और निकासी योजना नहीं थी. न तो लाइफसेविंग उपकरण थे और न ही लाइफसेविंग गार्ड थे.
9. मरम्मत कार्य का कोई दस्तावेज नहीं था, न ही विशेषज्ञों ने इसका निरीक्षण किया था.
10. कंपनी के पास मरम्मत का काम पूरा करने के लिए दिसंबर तक का समय था, लेकिन उन्होंने दिवाली और गुजराती नव वर्ष के त्योहारी सीजन में भारी भीड़ की आशंका को देखते हुए पुल को बहुत पहले ही खोल दिया.
ये भी पढ़ें-
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)