Morbi Bridge Collapse Updates: गुजरात के मोरबी शहर में 30 अक्टूबर की शाम पुल ढहने से 134 लोगों की मौत हो गई. इस पुल को लेकर कई लापरवाही की खबरें सामने आईं. बीते दिन एक अधिकारी ने बताया था कि पुल का रेनोवेशन करने वाली प्राइवेट कंपनी ने सरकार से अनुमति लिए बिना दोबारा खोल दिया था. एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि रेनोवेशव के दौरान पुल के तार नहीं बदले गए थे.
मोरबी पुल हादसा - 10 अपडेट्स
- आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) मोरबी का दौरा करेंगे. सोमवार (31 अक्टूबर) की शाम उन्होंने मोरबी की घटना को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की थी. बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी, गुजरात के मुख्य सचिव और डीजीपी समेत अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद थे. उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी गई.
- एनडीआरएफ (NDRF) के अलावा सशस्त्र बलों के जवानों, नौसेना, वायुसेना के जवानों की टीमें बचाव अभियान में लगी हुई हैं. हादसे के बाद पीएम मोदी के शेड्यूल में बदलाव किए गए हैं. बीते दिन पीएम हादसे को लेकर काफी भावुक नजर आए. प्रधानमंत्री केवड़िया में थे. उन्होंने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा दुख की इस घड़ी में सरकार हर तरह से शोक संतप्त परिवारों के साथ है.
- पुल गिरने की घटना में एक पहली एफआईआर दायर की गई है. इसमें लापरवाही से मौत के आरोपों को रेखांकित किया गया है. मामले में बीते दिन नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया. निर्माण फर्म ओरेवा ग्रुप, जिसे 15 सालों तक पुल के रखरखाव का काम सौंपा गया था वह भी जांच के दायरे में है. कंपनी के दो कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया गया है.
- मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह झाला ने बताया कि सरकार को पुल को फिर से खोले जाने के बारे में नहीं पता था. पुल को फिर से खोलने के लिए कंपनी ने फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं दिया था और न ही सरकार से अनुमति मांगी थी. अधिकारियों को रोनोवेशन के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है.
- एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि जब ओरेवा फर्म ने इस पुल का सात महीने तक नवीनीकरण किया था तब पुल के कुछ पुराने केबल तार बदले ही नहीं गए. गुजरात स्थित ओरेवा फर्म को मार्च में मोरबी शहर के नगर निकाय ने कॉन्ट्रैक्ट दिया था. कॉन्ट्रैक्ट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक कोई टेंडर नहीं निकाला गया था.
- हादसे के बाद से ही विपक्ष भी केंद्र सरकार पर हमलावर है. हालांकि राहुल गांधी से जब इस हादसे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा वह इस घटना का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता. वहां लोगों की जान चली गई है और ऐसा करना उनके लिए अपमानजनक होगा. मैं इस पर राजनीति नहीं करना चाहता.'
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि ये दुर्घटना ईश्वर का कृत्य है या धोखाधड़ी का काम?" दूसरी ओर, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 2016 के कोलकाता फ्लाईओवर की घटना के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री का एक पुराना वीडियो साझा कर रही है, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी. आप गुजरात प्रमुख गोपाल इटालिया ने भी इसे लेकर सवाल खड़े किए हैं.
- इन सब खबरों के बीच यह भी खबर है कि राहत बचाव कार्य की टीमों के आने से पहले ही स्थानीय लोग बचाव अभियान में जुटे हुए थे. वह निःस्वार्थता और वीरता से इस हादसे में घायल लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे थे. मछुआरों ने भी इस दौरान मदद की.
- पांच सदस्यीय टीम घटना की जांच कर रही है. यह हाल के समय की सबसे भीषण आपदाओं में से एक है. इस हादसे में मरने वालों में 40 से ज्यादा बच्चे शामिल हैं. हादसे में कई परिवार उजड़ गए हैं.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर मृतक के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से दो-दो लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50-50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. वहीं, गुजरात सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.
ये भी पढ़ें:
मोरबी पुल हादसे पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जताई संवेदना, बोले- हमारा दिल भारत के साथ