सूबे की सत्ताधारी बीजेपी के लिए राहत की बात ये है कि ABP न्यूज़ के बीते तीनों ओपिनियन पोल में बीजेपी को बहुमत का अनुमान है, लेकिन बीजेपी के लिए परेशान करने वाली बात ये है कि चुनाव के दिन नजदीक आने के साथ ही हर नए ओपिनियन पोल में बीजेपी की सीटें कम होने का अनुमान किया गया.
अक्टूबर के गुजरात ओपिनिनयन पोल
नवंबर के गुजरात ओपिनिनयन पोल
लेकिन एबीपी न्यूज़ के नवंबर के ओपिनियन पोल में बीजेपी की सीटें घट गईं. हालांकि, ये सीटें मामूली थीं. तब बीजेपी को 113 से 121 सीटें मिल रही थीं यानि औसत 117 सीटें मिल रही थीं. कुल मिलाकर अक्टूबर के ओपिनियन पोल से तीन सीटें कम हो रही थीं. लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को नहीं मिल रहा था. कांग्रेस को 58 से 64 सीटें मिल रही थीं यानि औसत 61 ही रहने का अनुमान था.
दिसंबर के गुजरात ओपिनिनयन पोल
बीजेपी के लिए दिक्कत क्यों है?
दरअसल, वोट शेयर के मोर्चे पर बीजेपी के लिए बड़ा खतरा है. अक्टूबर के ओपिनियन पोल में बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोट शेयर का फासला 9 फीसदी का था, तब बीजेपी को 48 फीसदी और कांग्रेस को 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान था.
लेकिन नबंर के ओपिनियन पोल में ये फासला घटकर 6 फीसदी हो गया और तब बीजेपी को 47 और कांग्रेस को 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान था.
तेकिन ताज़ा ओपिनियन पोल में वोट शेयर का फासला शून्य पर पहुंच गया है. यानि अब बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 43-43 फीसदी वोट मिल रहे हैं.
चुनावी एक्सपर्ट का कहना है कि अगर वोट शेयर में थोड़ा भी बदलाव हुआ तो बीजेपी के लिए ये चुनाव भारी पड़ सकता है.