नई दिल्ली: गुजरात चुनाव और इसके नतीजे भारतीय राजनीति की दो प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस की दशा और दिशा तय करेगा. 22 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी दिसंबर 9 और 14 को होने वाले गुजरात चुनाव को जीतने के लिए हर दिन अलग-अलग कैंपेन लॉन्च कर रही है. 2014 में ‘मोदी मैजिक’ देशभर में चला और बीजेपी भारी जीत हासिल कर पाई. हालांकि इस बार गुजरात में ‘मोदी मैजिक’ चलेगा या नहीं ये तो नतीजे ही बताएंगे लेकिन फिलहाल यहां के चुनाव में जादू का सहारा लिया जा रहा है.


हाल ही में पाटन की रैली में राहुल गांधी ने एक जादूगर से मुलाक़ात की थी. जहां राहुल गांधी ने जादूगर से बातचीत करते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा था. राहुल गांधी ने उस जादूगर से कहा था, "जैसे जादूगर ट्रिक करता है जो कि सही नहीं होता, सिर्फ नजर का धोखा होता है, उसी तरह पीएम मोदी गुजरात में लोगों पर ट्रिक आजमाते हैं. जादूगर ट्रिक के जरिए पैसे कमाते हैं और मोदी जी 22 सालों से यही कर रहे हैं."



राहुल गांधी के इस तंज के बाद मंगलवार को बीजेपी ने भी जादूगरों का सहारा लेते हुए 'मैजिक कैंपेन' शुरू किया है. "मैजिक कैंपेन" के तहत 36 जादूगर हर रोज 800 गांव जाएंगे और 20 दिनों में 144 सीटों में आने वाले गांवों को कवर करेंगे. गांव पहुंच कर ये जादूगर अपने मैजिक के जरिए लोगों से बीजेपी को वोट देने की अपील करेंगे.


माना जा रहा है कि गुजरात के शहरी क्षेत्रों में ‘मोदी मैजिक’ अब भी बरकरार है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ‘मोदी मैजिक’ को चुनौती दिख रही है. इसलिए अब जादूगरों के मैजिक के जरिए बीजेपी वोट पाने की कोशिश में लगी है.


साल 2014 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने उस वक़्त प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर तंज कस्ते हुए कहा था "चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री नहीं बन सकता." जिसके बाद बीजेपी ने इसी बयान को चुनावी मुद्दा बनाकर ‘चाय पर चर्चा’ शुरू की थी. अब कांग्रेस के जादूगर वाले कटाक्ष के बाद बीजेपी ने शुरू ‘मैजिक कम्पैन’ शुरू किया है.


‘चाय वाले’ तंज़ को बीजेपी ने उस वक्त चाय को चुनावी कैंपेन बनाकर जीत हासिल की थी इस बार भी कांग्रेस के जादूगर तंज के बाद बीजेपी ने इसे चुनावी कम्पैन के लिए इस्तेमाल कर लिया है. अब इस बार ये जादूगर बीजेपी के लिए क्या जादू करते हैं ये देखना दिलचस्प होगा.