MBBS Student Died: गुजरात के GMERS मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीते शनिवार को एक एमबीबीएस छात्र की मौत हो गई. छात्र की मौत के पीछे सीनियर्स का रैगिंग करना वजह बताया गया है.
अनिल मेथानिया धरपुर पाटन के GMERS मेडिकल कॉलेज और हास्पिटल में एमबीबीएस के फर्स्ट ईयर का छात्र था. उसे कॉलेज के आवासीय परिसर में शनिवार (16 नवंबर) की रात को “इंट्रोडक्शन” (रैगिंग) के दौरान सीनियर्स के कथित उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा. ‘इंट्रोडक्शन’ या ‘इंट्रो’ शब्द का इस्तेमाल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के आवासीय परिसरों में होने वाली रैगिंग गतिविधियों के लिए होता है.
रैगिंग के दौरान अनिल को घंटों रखा गया था खड़ा
अनिल मेथानिया को उसके सीनियर्स ने रैगिंग के दौरान कई घंटों तक खड़ा रखा था. जिसके बाद अनिल गिर गया और बेहोश हो गया. उसे अस्पताल में भर्ती किया गया जहां उसने पुलिस को बताया कि उसे तीन घंटों तक खड़ा रखा गया था. इसके थोड़ी देर बाद ही अनिल की मौत हो गई. इस मामले 15 सीनियर छात्रों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
अनिल के परिवार ने क्या कहा?
अनिल के भाई गौरव मेथानिया ने बताया, ‘मुझे शनिवार की रात को एक कॉल आया था. जिस पर बताया गया कि मेरे भाई को अस्पताल में भर्ती किया गया है और हमें जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने को कहा गया.’ अनिल का परिवार मेडिकल कॉलेज से 150 किलोमीटर से अधिक दूर गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में रहता है.
गौरव ने आगे बताया, ‘सुबह के चार बजे परिवार के चार लोग अस्पताल पहुंचे. यहां बताया कि मेरे भाई की मौत हो चुकी है और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इसके बाद हमने कॉलेज के डीन और पुलिस के अधिकारियों ने पता चला कि अनिल की रैगिंग की गई थी और उसके सीनियर्स से पूछताछ की जा रही है.’
अनिल का परिवार अब क्या चाहता है के सवाल का जवाब देते हुए गौरव ने कहा, ‘चिकित्सा एक सेवा का क्षेत्र है और जिन्होंने भी ये हरकत की है, उनके दिमाग आपराधिक मानसिकता से भरा हुआ है. ऐसे में वो कैसे देश के भविष्य को सुधारेंगे या नुकसान पहुंचाएंगे? ऐसे अपराधी मानसिकता वाले डॉक्टरों की पढ़ाई तुरंत रोक देनी चाहिए और उन्हें आजीवन कारावास की सजा देनी चाहिए.’
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