Drug Nexus: गुजरात-राजस्थान में चल रहा था ड्रग्स नेक्सस, ATS-NCB ने किया भंडाफोड़, 230 करोड़ की नशे की खेप के साथ 13 अरेस्ट
Gujarat-Rajstahn Drug Nexus: एटीएस ने राजस्थान और गुजरात में एक साथ छापेमारी कर 22 किलो मेफेड्रोन और 124 किलो लिक्विड मेफेड्रोन ड्रग्स बरामद की है.
Drug Nexus Busted: गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने एक बड़े ड्रग नेक्सस का पर्दाफाश किया है. एटीएस और एनसीबी ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर गुजरात और राजस्थान में कथित तौर पर 230 करोड़ रूपये कीमत की मेफेड्रोन ड्रग्स पकड़ी है. नशे की इस खेप के साथ 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. गुजरात एटीएस को नशे के इस काले खेल को लेकर गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद एक्शन लिया गया.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि गुजरात एटीएस और एनसीबी ने शुक्रवार को छापेमारी की. एटीएस को जानकारी मिली थी कि अहमदाबाद के रहने वाले मनोहरलाल एनानी और राजस्थान के निवासी कुलदीप सिंह राजपुरोहित ड्रग्स का काला खेल खेल रहे हैं. गुजरात एटीएस को बताया गया था कि दोनों आरोपियों ने मेफेड्रोन ड्रग्स की मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट्स लगाई हुई हैं, जहां बड़े पैमाने पर ड्रग्स को तैयार किया जा रहा है.
गुजरात-राजस्थान में छापेमारी कर बरामद हुआ ड्रग्स
पुलिस की तरफ से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, "एटीएस ने 22.028 किलोग्राम मेफेड्रोन और 124 किलोग्राम लिक्विड मेफेड्रोन बरामद की है, जिसकी बाजार में कीमत 230 करोड़ रुपये है. गांधीनगर में छापेमारी के दौरान राजपुरोहित को पकड़ा गया, जबकि एनानी को सिरोही से गिरफ्तार किया गया."
इसमें कहा गया कि राजस्थान के सिरोही और जोधपुर में स्थित मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट्स पर छापेमारी की गई थी. साथ ही गुजरात में गांधीनगर में पिपलाज गांव और अमरेली जिले का भक्तिनगर औद्योगिक क्षेत्र में भी रेड मार कर ड्रग्स को बरामद किया गया.
वलसाड से ड्रग्स बनाने के लिए मिलता था कच्चा माल
जांच में पाया गया कि राजस्थान में एक इंडस्ट्रियल यूनिट में मेफेड्रोन के प्रोडक्शन में शामिल होने के आरोप में 2015 में डीआरआई ने एनानी को पकड़ा था. इसके बाद वह सात साल तक जेल में था. प्रेस रिलीज में कहा गया कि सभी आरोपी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और वलसाड जिले के वापी औद्योगिक क्षेत्र में एक कंपनी से ड्रग्स बनाने के लिए कच्चा माल ला रहे थे.
फिलहाल इस बात की जांच चल रही है कि ये लोग कब से ड्रग्स बना रहे थे और क्या उन्होंने पहले किसी को नशे की खेप बेची है. इसके अलावा इस पूरे ड्रग्स के काले कारोबार में कौन-कौन शामिल था, इसकी भी जांच की जा रही है.
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