गुजरात के केवड़िया में चल रहे तीन दिवसीय कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शिरकत की. रक्षा मंत्री हेलीकॉप्टर से केवड़िया पहुंचे और आने के बाद उन्होनें केवड़िया में बनाए गए नए हैलीपैड का निरीक्षण किया. इसके बाद सबसे पहले वे सभी मिलिट्री कमांडर्स और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ट अधिकारियों के साथ स्टेचू ऑफ यूनिटी पहुंचे.
कुछ देर वहां रूकने के बाद वे सीधे सम्मेलन में पहुंचे. सम्मेलन में पहुंचने के बाद सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के साथ साथ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स (डीएमए) की तरफ से सशस्त्र सेनाओं की ऑपरेशनल तैयारियों, आधुनिकिकरण और चुनौतियों को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया गया. रक्षा मंत्री ने इस दौरान सभी कमांडर्स को संबोधित भी किया.
बताया जा रहा है कि कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान एक साझा मिलिट्री-विजन तैयार किया जाएगा. इस विजन-डॉक्यूमेंट को तैयार करने का मकसद भविष्य में देश के सामने आने वाली चुनौतियां का सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) का मिलकर सामना करने की रणनीति तैयार करना होगा. इसी कड़ी में शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीनों सेनाओं के टॉप मिलिट्री कमांडर्स को संबोधित करेंगे.
डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स (डीएमए) द्वारा साझा कमांडर्स सम्मेलन पर गुरूवार देर शाम आधिकारिक बयान जारी कर बताया गया कि 4-6 मार्च तक होने वाले इस सम्मेलन में "देश का संयुक्त शीर्ष-स्तरीय सैन्य नेतृत्व, देश की सुरक्षा स्थिति और रक्षा तैयारियों की समीक्षा कर रहा है. इस तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान भविष्य के लिए एक संयुक्त सैन्य दृष्टि विकसित करने के लिए प्रासंगिक संगठनात्मक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है."
डीएमए के मुताबिक, शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय के सचिवों के साथ तीनों सेनाओं के टॉप कमांडर्स के 'ब्रेन-स्टोर्मिंग' सम्मेलन में शामिल होंगे. शनिवार यानि तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) कॉन्फ्रेंस में शिरकत करेंगे.
डीएमए के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में देश में कई रक्षा-सुधार किए गए हैं, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद तैयार करना और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स (डीएमए) का गठन शामिल है. इसके अलावा सशस्त्र सेनाओं का आधुनिकिकरण और पहली बार इंटीग्रेटेड (साझा) थियेटर कमांड बनाए जाने की कवायद जोर-शोर से चल रही है.
इसके अलावा पहली बार सेना के टॉप सैन्य कमांडर्स में 30 मध्य-स्तर के अधिकारी और सैनिक भी शामिल हो रहे हैं. इनमें तीनों अंगो के एनसीओ, जेसीओ और ओआर (अदर रैंक यानि सिपारी स्तर) के सैनिक शामिल हैं. पूरा एक सेशन इन्ही अधिकारियों के लिए होगा जिसका थीम ही सैनिकों का मोटिवेशन (यानि उत्साह और हौसला) है. अभी तक कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में तीनों सेनाओं के प्रमुख, कमान के कमांडर्स और सेना मुख्यालयों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के टॉप मिलिट्री ऑफिसर्स ही शामिल होते थे.
आपको बता दें कि वर्ष 2015 के बाद ये चौथा साझा सैन्य सम्मेलन है जो दिल्ली से बाहर हो रहा है. 2015 में इस सम्मेलन को नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रमादित्य पर आयोजित किया गया था. 2017 में देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) और 2018 में जोधपुर छावनी में ये सम्मेलन आयोजित किया गया था. वर्ष 2014 तक ये कॉन्फ्रेंस राजधानी दिल्ली में ही आयोजित की जाती थी. लेकिन अपने पहले ही सम्मेलन में पीएम मोदी ने कॉन्फ्रेंस को दिल्ली से बाहर किसी ऑपरेशन्ल एरिया में करने का सुझाव दिया था. इसीलिए अब ये कॉन्फ्रेंस दिल्ली से बाहर आयोजित किया जाता है.
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