गांधीनगर: गुजरात में राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग सुबह 9 बजे शुरू हुई थी. गिनती रात एक बजे हुई और नतीजे करीब दो बजे आए. राज्यसभा चुनाव में ऐसा घमासान पहले शायद ही हुआ होगा, जैसा इस बार गुजरात में नज़र आया. करीब दो बजे अहमद पटेल की जीत का एलान हुआ.
सिलसिलेवार तरीके से जानें कल का पूरा राजनीतिक ड्रामा-
शाम 5.30 बजे- (कांग्रेस ने की शिकायत)
वोटों की गिनती शाम पांच बजे शुरू होनी थी, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव आयोग में अपने ही दो बागी विधायकों की शिकायत कर दी. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विधायक राघवजी पटेल और भोलाभाई गोहिल ने वोट बीजेपी एजेंट को दिखाया. इसके बाद तो चुनाव आयोग के दफ्तर पर कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के दौरे शुरू हो गए.
रात 11.30 बजे- (2 विधायकों के वोट रद्द हुए)
बीजेपी और कांग्रेस के बीच शाम से शुरू हुए हाईवोलटेज ड्रामे की जंग देर रात तक चलती रही. दोनों पार्टियों के दिग्गज नेता चुनाव आयोग जा पहुंचे और अपनी-अपनी दलीलें पेश करते रहे, लेकिन आखिरकार रात 11.30 बजे चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत को सही पाया और दो विधायकों के वोट रद्द करके बीजेपी को बड़ा झटका दे दिया.
चुनाव आयोग ने देखा वीडियो फुटेज
चुनाव आयोग ने इन दोनों विधायकों के डाले गये वोटों को ‘मतपत्रों की गोपनीयता’ का उल्लंघन करने के मामले में खारिज कर दिया था. आयोग के आदेश के अनुसार मतदान प्रक्रिया का वीडियो फुटेज देखने के बाद पता चला कि दोनों विधायकों ने मतपत्रों की गोपनीयता का उल्लंघन किया था.
रात 12 बजे- (चुनाव आयोग ने वोट की गिनती शुरू की)
रात करीब 12 बजे खबर आई कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस के दोनों विधायकों के वोट अलग रखकर बाकी वोटों की गिनती करने के आदेश दे दिए हैं. जिसके बाद वोटों की गिनती की प्रक्रिया शुरू हो गई.
रात 12.40 बजे- (बीजेपी ने गिनती रुकवाई)
इसी बीच कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने मीडिया के सामने आकर आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनाव आयोग के आदेश के बावजूद गिनती रुकवा दी है.
रात 1 बजे- (वोटों की गिनती दोबारा शुरू हुई)
रात एक बजे ये खबर आई कि बीजेपी ने तो चुनाव आयोग में कोई शिकायत की ही नहीं है. लिहाजा चुनाव आयोग के आदेश पर हो रही गिनती रुकवाने का कोई आधार ही नहीं बनता. यानी काउंटिंग फिर शुरू हो गई.
रात करीब 1.50 बजे- (नतीजों का एलान हुआ)
रात करीब पौने दो बजे वो खबर आई जिसका कांग्रेस को बेसब्री से इंतजार था. कांग्रेस नेता अहमद पटेल राज्यसभा की सीट जीत गए. उन्हें 44 वोट मिले. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर जश्न मनाया.
कैसे बदल गया जीत का गणित ?
इन दोनों कांग्रेस विधायकों के वोट रद्द होने से जीत का गणित बदल गया. विधायक भोला भाई, राघव भाई के वोट रद्द होने के बाद जीत के लिए जरूरी आंकड़े में बदलाव हो गया. अब जीत के लिए 43.5 वोट चाहिए थे. जबकि, अहमद पटेल को 44 वोट मिले और वह 0.50 वोट से जीत गए. अहमद पटेल को जो 44 वोट मिले, उनमें कांग्रेस के 41, जेडीयू का एक, एनसीपी का एक और बीजेपी के बागी विधायक का एक वोट शामिल था.
कौन हैं अहमद पटेल?
अहमद पटेल ने साल 1976 में गुजरात के भरुच से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. अहमद पटेल 1977 से 1989 तक तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं. वह साल 1993 से लगातार पांच बार राज्यसभा सांसद चुने गए. साल 2001 में पटेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव बने. अहमद पटेल को सोनिया गांधी और राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है.
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