Gujarat Election Result 2022: गुजरात और हिमाचल के रिजल्ट सामने आ चुके हैं. बीजेपी ने जहां पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य में 'ऐतिहासिक' जीत के साथ नया कीर्तिमान स्थापित किया, वहीं पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में पार्टी को कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
गुजरात में बीजेपी ने 156 सीट पर कमल खिलाकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. गुजरात में इससे पहले किसी भी पार्टी को इतनी सीटें नहीं मिली थीं. इससे पहले कांग्रेस ने 1985 में सबसे ज्यादा 149 सीटें जीती थीं. वहीं 2002 में बीजेपी ने 122 सीटें जीती थीं. इस चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 17 सीटें मिलीं, कांग्रेस पार्टी के लिए ये अबतक का सबसे खराब प्रदर्शन है.
बीजेपी का प्रयोग सफल साबित हुआ
गुजरात में इतनी प्रचंड जीत के लिए बीजेपी की ओर से जो गुप्त प्रयोग किया गया था, वो सफल हुआ. चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं ने भले ही गुजरात दंगों का जिक्र नहीं किया हो, लेकिन चुनावों से ठीक पहले बिलकिस बानो के दोषियों की सजा को माफ करके पार्टी ने अपना संदेश जनता तक पहुंचा दिया था. इतना ही नहीं पार्टी ने दंगों से जुड़े लोगों के परिजनों को टिकट भी दिया था.
बीजेपी को मिला फायदा
इस चुनाव में बिलकिस बानो का मुद्दा भी खूब गूंजा. बीजेपी ने भले ही इस मुद्दे पर कोई बात नहीं की हो, लेकिन मुसलमानों के सबसे बड़े नेता का दम भरने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर बीजेपी पर खूब हमला किया. ओवैसी की जनसभाओं ने हिंदुओं को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाई. नतीजा ये हुआ कि बिलकिस के दोषियों की सजा माफ करने वाली कमेटी के सदस्य रहे सीके राउलजी रिकॉर्ड 35 हजार से ज्यादा वोटों से जीते. बता दें कि राउलजी इस बार बीजेपी की टिकट पर गोधरा सीट से चुनावी मैदान में थे.
गोधरा से जुड़ी सीटों पर भी खिला कमल
पंचमहल जिले में गोधरा सहित 5 सीटें आती हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी को इस जिले की 4 सीटें मिली थीं, जबकि एक पर निर्दलीय जीता था. इस बार राउलजी को कैंडिडेट बनाने का फायदा ये हुआ कि BJP जिले के 5 में से सभी 5 सीटों पर जीत गई. बता दें कि सीके राउलजी इससे पहले भी विधानसभा पहुंच चुके हैं. 2007 और 2012 में वे कांग्रेस की टिकट पर इस सीट से विधायक चुने गए थे.
गुजरात दंगों के दोषी की बेटी भी जीती
इस चुनाव में बीजेपी ने गुजरात दंगों के दोषी मनोज कुकरानी की बेटी पायल कुकरानी को भी टिकट दिया था. पायल कुकरानी को टिकट देने के लिए पार्टी ने अपने सिटिंग विधायक बलराम थवानी का टिकट काटा था. थवानी ने पिछली बार 60,000 से ज्यादा मतों के अंतर से यहां से चुनाव जीता था. इस बार टिकट कटने के बाद भी वो बीजेपी का ही प्रचार कर रहे थे. उनका कहना था कि यहां के मुसलमानों ने कभी बीजेपी को वोट नहीं किया, इसलिए वे पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे. उन्होंने अपने वादे को निभाया भी और पायल कुकरानी को विधायक बनवा दिया. पायल कुकरानी को इस सीट से 83 हजार वोटों से चुनाव जीत मिली.
पोपटलाल शाह बन गए विधायक
अहमदाबाद एलिसब्रिज सीट से पोपटलाल शाह भी विधायक चुने गए. पार्टी ने पोपटलाल शाह के लिए दो बार के सिटिंग विधायक का टिकट काटा था. बता दें कि पोपटलाल शाह पर नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े विरोधी रहे हीरेन पांड्या की हत्या करने का आरोप है. 26 मार्च 2003 को अहमदाबाद में पांड्या की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सीबीआई जांच के अनुसार पांड्या की हत्या गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए की गई थी. पोपटलाल के सहारे बीजेपी को अहमदाबाद से सटी 21 में से 19 सीटों पर जीत हासिल हुई.
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