Teesta Setalvad: गुजरात कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ और Ex DGP आर. बी. श्रीकुमार की जमानत याचिका खारिज की
Gujarat Riots: गुजरात दंगा मामले में निर्दोष लोगों को बचाने के आरोप में कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
Teesta Setalvad- RB Sreekumar: गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों (Gujarat Riots) के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के लिए गिरफ्तार किये गए सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Social Activist Teesta Setalvad) और पूर्व पुलिस महानिदेशक (Former IPS Officer) आर. बी. श्रीकुमार (RB Sreekumar)को गुजरात की सेशन कोर्ट (Gujarat Sesion Court) ने शनिवार को जमानत देने से इनकार कर दिया है. न्यायालय के अतिरिक्त प्रमुख न्यायाधीश डी. डी. ठक्कर ने कहा कि दोनों के ही जमानत याचिका (Bail Application) के आदेश खारिज किए जाते हैं.
क्राइम ब्रांच ने दोनों को गिरफ्तार किया था
बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर. बी. श्रीकुमार, दोनों को अहमदाबाद शहर की अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 194 (दोषी साबित करने के इरादे से झूठे सबूत देना या गढ़ना) के तहत गिरफ्तार किया था. मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपने हलफनामे में इन दोनों पर ये आरोप लगाया है कि वे गुजरात में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल के इशारे पर की गई एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे.
तीस्ता और श्रीकुमार पर लगे हैं गंभीर आरोप
एसआईटी की तरफ से सौंपी गई जांच रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाए गए हैं कि 2002 की गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के तुरंत बाद पटेल के कहने पर सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. एसआईटी ने दावा किया कि श्रीकुमार एक ‘‘असंतुष्ट सरकारी अधिकारी’ थे, जिन्होंने ‘‘पूरे गुजरात राज्य के निर्वाचित प्रतिनिधियों, नौकरशाही और पुलिस प्रशासन को गुप्त उद्देश्यों के लिए बदनाम करने के वास्ते प्रक्रिया का दुरुपयोग किया.
दोनों ने आरोपों का किया है खंडन
दोनों आरोपियों ने इस मामले की तफ्तीश करने के लिए गठित किए गए विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन किया है. अदालत ने मंगलवार को तीस्ता सीतलवाड़ और श्रीकुमार की ज़मानत याचिकाओं पर अपना आदेश पहले बृहस्पतिवार और फिर शनिवार तक के लिए टाल दिया था. बता दें कि गुजरात दंगा मामले में तीस्ता सीतलवाड़, श्रीकुमार और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट को अहमदाबाद अपराध शाखा ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था.
ये भी पढ़ें: