गुजरात दंगे: जकिया जाफरी की याचिका पर हाईकोर्ट आज सुना सकता है फैसला
मामले की सुनवाई तीन जुलाई को पूरी हो गई थी. याचिकाकर्ताओं ने जांच को आगे बढ़ाने की मांग की है. याचिका में मोदी और 59 अन्य को दंगों को लेकर आपराधिक साजिश रचने का आरोपी बनाए जाने की मांग की गई है.
नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट साल 2002 के दंगों के मामले में जकिया जाफरी की याचिका पर आज फैसला सुना सकता है. फैसला आज सुबह 11 बजे के बाद कभी भी सुनाया जा सकता है, हालांकि फैसला आने की संभावना बेहद कम है.
इससे पहले 8 सितंबर को फैसला सुनाया जाना था लेकिन अदालत ने इसे आज तक के लिए टाल दिया गया था. दिवंगत कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को निचली अदालत की ओर से क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती दी थी.
मामले की सुनवाई तीन जुलाई को पूरी हो गई थी. याचिकाकर्ताओं ने जांच को आगे बढ़ाने की मांग की है. याचिका में मोदी और 59 अन्य को दंगों को लेकर आपराधिक साजिश रचने का आरोपी बनाए जाने की मांग की गई है.
क्या है मामला ? 28 फरवरी, 2002 को गुजरात के गुलबर्ग सोसायटी में भीड़ ने जाफरी समेत करीब 68 लोगों की हत्या कर दी थी. यह नरसंहार 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी में हुआ था. एक विशेष एसआईटी अदालत ने पिछले साल 24 लोगों को गुलबर्ग मामले में दोषी ठहराया था लेकिन हत्या के पीछे किसी बड़ी साजिश होने से इनकार किया था.
आठ फरवरी 2012 को एसआईटी ने मोदी और अन्य को क्लीन चिट देते हुए एक विशेष अदालत में मामला बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी. दिसंबर 2013 में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने आपराधिक साजिश को लेकर मोदी और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने 2014 में उच्च न्यायालय का रूख किया था. जाफरी की शिकायत में नेताओं के अलावा नौकरशाह, पुलिस और अन्य लोगों का भी जिक्र किया गया है.