गुजरात: रूपल गांव में वरदायिनी मां की डॉलर से सजावट, अमेरिका से भक्त ने भेजे
रूपल गांव की वरदायिनी माता की कहानी पांडवों से जुडी हुई है. कहा जाता है कि पांडव अपने अज्ञातवास में यहीं आकर रुके थे और अपने शस्त्र छुपाने के लिए उन्होंने वरदायिनी मां का आह्वान किया था.
गांधीनगर: गांधीनगर के रूपल गांव की विश्व प्रसिद्ध वरदायिनी मां को आज 1500 डॉलर से सजाया गया. अमेरिका के एक भक्त द्वारा आज माताजी को डॉलर भेजे गए. हर साल मां की अलग-अलग तरह सजावट की जाती है. लेकिन इस साल माताजी डॉलर से सजी हैं. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं.
रूपल की पल्ली गुजरात के गरबा के रूप में देश और दुनिया में प्रसिद्ध है. रूपल गांव में वरदायिनी के प्रति श्रद्धा और आस्था का इतिहास सदियों पुराना है. जिसमें कई रोचक गाथाएं जुड़ी हुई हैं.
पांच हजार साल से लग रहा है मेला
रूपल गांव में पांच हजार साल से माता पल्ली का मेला लगता आ रहा है. रुपल गांव की वरदायिनी माता की कहानी पांडवों से जुडी हुई है. कहा जाता है कि पांडव अपने अज्ञातवास में यहीं आकर रुके थे और अपने शस्त्र छुपाने के लिए उन्होंने वरदायिनी मां का आह्वान किया था. घी का अभिषेक करने पर वरदायिनी मां उत्पन्न हुईं और पांडवों को वरदान दिया था. हस्तिनापुर का युद्ध जीतकर पांडव फिर कृष्ण के साथ यहां आए. जिसके बाद सोने की पल्ली बनाकर यात्रा का आयोजन किया गया. तभी से हर साल नवरात्रि के नौवें दिन रूपल में वरदायिनी माता पल्ली का मेला लगता है.
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