नई दिल्ली: इस वक्त गुजरात की जनता पूरे देश को प्रभावित करने वाले सियासी संग्राम की साक्षी बनी हुई है. गुजरात में कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक तलवारें खिंची हुई हैं. दोनों दलों के धुरंधर अपने तरकश से हर वो तीर छोड़ रहे हैं जिससे विपक्षी धड़े को चित किया जा सके. वहीं, लोकतंत्र की सबसे ताकतवर ईकाई माने जाने वाली 'जनता' भी इस पूरे राजनीति द्वंद पर गहरी नजर बनाए हुए है. लेकिन इस बार जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, कौन बाजी मारेगा, यह तो 18 दिसंबर के गर्भ में छिपा हुआ है. यह चुनाव देश के दो बड़े सियासी दलों की साख का ही सवाल नहीं है, बल्कि इसके नतीजे 2019 लोकसभा चुनाव की पटकथा भी लिखेगा. इसीलिए इस चुनाव को सियासी गलियारे में 2019 का सेमीफाइनल कहा जा रहा है. भारतीय राजनीति की दिशा करने वाले इस चुनावी नतीजे से पहले गुजरात के जनता की नब्ज को टटोलने के लिए एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने फाइनल ओपिनियन पोल किया है.
गुजरात चुनाव से पहले एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल के मुताबिक गुजरात में मामूली बढ़त के साथ बीजेपी फिर सरकार बना सकती है. इस चुनाव में बीजेपी की चुनौती सत्ता बरकरार रखने की है तो कांग्रेस वापसी के लिए बेताब है. गुजरात विधानसभा चुनाव की हर उठापटक को यहां पढ़ें
किसको कितनी सीटें?
रोज रंग बदलती गुजरात की राजनीति में पूरा देश दिलचस्पी ले रहा है. सभी की जुबान पर एक ही सवाल, किसकी बनेगी सरकार? एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी को 91 से 99 सीटें, कांग्रेस को 78 से 86 सीटें, अन्य को 3 से 7 सीटें मिल सकती हैं. अगर इन आंकड़ों का औसत निकालें तो गुजरात में बीजेपी को 95 सीटें, कांग्रेस को 82 और अन्य के खाते में 5 सीटें जा सकती हैं. यानि बीजेपी एक बार फिर मामूली बढ़त के साथ सरकार बना सकती है. गुजरात के चारो क्षेत्रों के वोट शेयर मिला दिए जाएं तो बीजेपी-43% और कांग्रेस 43% वोट शेयर के साथ आमने-सामने हैं. अन्य के खाते में 14% शेयर जा सकते हैं.
जीएसटी की वजह से किस पाले में हैं व्यापारी?
गुजरात चुनाव में जीएसटी मुद्दों का सरताज बना हुआ है. पीएम मोदी पर हमला करने के लिए राहुल गांधी ने जीएसटी को ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल किया है. उन्होंने बीजेपी पर 'नोटबंदी अस्त्र' से भी हमला किया लेकिन जीएसटी अस्त्र कामयाब होता दिखाई दे रहा है. गुजरात विधानसभा चुनाव ओपिनियन पोल के मुताबिक जीएसटी से गुजरात के व्यापारी खुश नहीं हैं. ओपिनियन पोल के मुताबिक, 44 प्रतिशत व्यापारी जीएसटी से नाखुश हैं. हालांकि 37 प्रतिशत व्यापारी वर्ग जीएसटी के पक्ष में हैं.
बीजेपी- 40 % (-3)
कांग्रेस- 43 % (4)
लेकिन ओपिनियन पोल में 40 प्रतिशत व्यापारियों ने बीजेपी के पक्ष में वोट करने की बात कही जबकि 43 प्रतिशत व्यापारियों ने कहा कि वे कांग्रेस को वोट देना पसंद करेंगे. जीएसटी बना चुनावी मुद्दा, क्या सोच रही है जनता. सियासी संग्राम की पूरी डिटेल खबर यहां पढ़ें.
कौन सी जाति किसके साथ?
एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल के मुताबिक दलित, आदिवासी और पटेल कांग्रेस के साथ दिखाई दे रहे हैं जबकि सवर्ण और कोली बीजेपी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं.
पटेल- बीजेपी से 2 फीसदी ज्यादा कांग्रेस के साथ
सवर्ण- कांग्रेस से 26 फीसदी ज्यादा बीजेपी के साथ
कोली- कांग्रेस से 26 फीसदी ज्यादा बीजेपी के साथ
दलित- बीजेपी से 18 फीसदी ज्यादा कांग्रेस के साथ
आदिवासी- बीजेपी से 18 फीसदी ज्यादा कांग्रेस के साथ
आसान शब्दों में वहां की जाति सियासत को समझिए. दो दशक से बीजेपी का वोटर रहा पटेल समाज कांग्रेस के साथ जाता दिखाई दे रहा है. कोली वोटर कांग्रेस का साथ छोड़ कर बीजेपी के साथ जाता दिखाई दे रहा है. बीजेपी के आदिवासी वोट बैंक में कांग्रेस ने भारी सेंधमारी की है. पिछले सर्वे में आदिवासी समाज के लोग बीजेपी के साथ थे. पूरी डिटेल खबर यहां पढ़ें.
वोटिंग से ठीक 5 दिन पहले तमाम अहम सवालों के जवाब जानने के लिए लोकनीति और सीएसडीएस के साथ मिलकर ABP न्यूज गुजरात का फाइनल ओपिनियन पोल लेकर आया है. इसके लिए ABP न्यूज-CSDS ने 23 से 30 नवंबर के बीच 50 विधानसभा क्षेत्रों के 200 बूथों पर जाकर 3655 लोगों की चुनाव को लेकर राय जानी.
गुजरात चुनाव ओपिनियन पोल
- गुजरात में बीजेपी को 95 सीटें, कांग्रेस को 82 और अन्य के खाते में 5 सीटें जा रही हैं. ऐसे में बीजेपी एक बार फिर बनाएगी सरकार.
- गुजरात के चारो क्षेत्रों के वोट शेयर मिला दिए जाएं तो बीजेपी-43% और कांग्रेस 43% वोट शेयर के साथ आमने-सामने हैं. अन्य के खाते में 14% शेयर जा सकते हैं.
- गुजरात के चारो रिजन को मिला कर ओपिनियन पोल के आंकड़े. दोनों पार्टियों के बीत कांटे की टक्कर
बीजेपी-43%
कांग्रेस%
- मध्य गुजरात में बीजेपी मामूली अंतर से आगे, जानें वोट शेयर
बीजेपी- 41%
कांग्रेस- 40% - मध्य गुजरात में कुल 40 सीटें हैं. यहां के ग्रामीण इलाकों में 47% के साथ कांग्रेस आगे है. बीजेपी को ग्रामीण इलाकों में 43% वोट शेयर मिलता नजर आ रहा है.
- वहीं मध्य गुजरात के शहरी इलाकों में बीजेपी 35% के साथ आगे हैं. यहां कांग्रेस 20% वोट शेयर के साथ काफी पीछे है.
- दक्षिण गुजरात में भी बीजेपी को झटका लग सकता है, कांग्रेस आगे निकल रही है. जानें क्या हैं वोट शेयर?
कांग्रेस- 42%
बीजेपी- 40%
- दक्षिण गुजरात में कुल 35 सीटें हैं. यहां के ग्रामीण इलाकों में 44% के साथ बीजेपी आगे है. कांग्रेस को ग्रामीण इलाकों में 42% वोट शेयर मिलता नजर आ रहा है.
- वहीं दक्षिण गुजरात के शहरी इलाकों में कांग्रेस 43% के साथ आगे हैं. यहां बीजेपी 36% वोट शेयर के साथ काफी पीछे है.
- उत्तर गुजरात में बीजेपी को झटका लग सकता है, कांग्रेस आगे निकल रही है. जानें क्या हैं वोट शेयर?
कांग्रेस- 49%
बीजेपी- 45%
- उत्तर गुजरात इलाके में अहमदाबाद और गांधीनगर जैसी सीटें आती हैं. इसके ग्रामीण इलाकों में 56% वोट शेयर के साथ कांग्रेस आगे है. वहीं 50% वोट शेयर के साथ शहरी इलाकों में बीजेपी आगे है.
- सौराष्ट्र- कच्छ में बीजेपी कांग्रेस से आगे निकल रही है. जानें क्या हैं वोट शेयर?
बीजेपी- 45%
कांग्रेस- 39%
- गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र जहां कुल 54 सीट हैं. ओपिनियन पोल के मुताबिक इस क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में 49% वोट शेयर के कांग्रेस आगे है और 43% वोट शेयर के साथ बीजेपी पीछे है.
- गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ के शहरी क्षेत्र की बात करें तो यहां 46% वोट शेयर के साथ बीजेपी आगे और 30% वोट शेयर के साथ कांग्रेस पीछे है.
- पटेल समुदाय में हार्दिक पटेल की लोकप्रियता अगस्त में 61%, अक्टूबर में 64 % और नवंबर में घटकर 58% रह गई है. ये आंकड़े बताते हैं कि हार्दिक पटेल की लोकप्रियता घट गई है.
- गुजरात का दलित समाज कांग्रेस के साथ है. बीजेपी से 18% ज्यादा दलित कांग्रेस के साथ जा सकते हैं.
- कोली समाज कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी की ओर झुकता नजर रहा है. यहां भी बीजेपी कांग्रेस के 26% ज्यादा आगे है.
- सवर्ण बीजेपी के साथ होंगे और इस मामले में कांग्रेस से बीजेपी 26% आगे है यानि बीजेपी के खाते में कांग्रेस की तुलना में 26 फीसदी ज्यादा सवर्ण होंगे.
- अगर आज की तारीख में चुनाव होते हैं तो पटेल समुदाय बीजेपी से 2% ज्यादा कांग्रेस के साथ होगा.
- आदिवासी बीजेपी से 18% ज्यादा कांग्रेस के साथ जा सकते हैं.
- जीएसटी ने गुजरात में 44% व्यापारियों को नाखुश किया है वहीं महज 37 % व्यापारी ही इससे खुश हैं.
- मेहनत के बावजूद बीजेपी के लिए बुरी खबर है, व्यापारियों को खुश नहीं कर पाई बीजेपी.
- GST को लेकर गुजरात के 37 फीसदी कारोबारी खुश हैं तो वहीं 44 फीसदी व्यापारी नाखुश हैं.
(नोट- यह आर्टिकल लाइव लिखा जा रहा है, इसलिए इसे रिफ्रेश करके आप नई जानकारी पाते रहें.)