गांधीनगर: गुजरात में पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लाल जी पटेल समेत सात लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. ये वारंट महसाणा जिले के बिसनगर सेशन कोर्ट ने जारी किया है.
दरअसल आरक्षण आंदोलन के दौरान स्थानीय बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ के आरोप में इन लोगों पर मामला दर्ज हुआ था. तीन बार कोर्ट से समन के बावजूद भी हाजिर नहीं होने के बाद अब इन लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है.
महसाण और माणसा के बाद बिसनगर में आरक्षण आंदोलन की तीसरी रैली के दौरान ये हमला हुआ था. ये आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा की पहली घटना थी.
क्यों किया था आंदोलन?
बता दें कि साल 2015 से आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय हार्दिक पटेल के नेतृत्व में गुजरात में जगह-जगह आंदोलन कर रहा है. गुजरात में कड़वा, लेउवा और आंजना तीन तरह के पटेल हैं. आंजना पटेल ओबीसी में आते हैं. जबकि कड़वा और लेउवा पटेल ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. आरक्षण ना मिलने से अब पटेल बीजेपी से नाराज हैं.
क्यों गुजरात में हर पार्टी पटेलों को अपनी तरफ चाहती है?
गुजरात में पटेलों की आबादी करीब 15% है. राज्य की करीब 80 सीटों पर पटेल समुदाय का प्रभाव है. पटेल बीजेपी के मुख्य वोट बैंक माने जाते रहे हैं. बीजेपी के 182 में से 44 विधायक पटेल जाति से आते हैं.
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