नई दिल्ली: गुजरात में अहमदाबाद के पालडी इलाके में दावा किया गया है कि यहां मुस्लिमों के मकानों पर बीते शनिवार की रात को अंग्रेजी के बड़े बड़े एक्सनुमा चिन्ह (रेड क्रास) बना दिए गए. गुजरात में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में ये मुद्दा बेहद संवेदनशील हो गया.


रेड क्रास निशानों का सच क्या है?

बता दें कि अहमदाबाद के बाहरी इलाके में बसा जुहापुरा मुस्लिम बहुल इलाका है. पांच लाख की आबादी में ज्यादातर मुस्लिम ही हैं, जबकि पलाडी हिंदू बहुल इलाका है, जहां कुछ मुस्लिम परिवार रहते हैं.



लाल रंग के निशान अमन कॉलोनी, नशेमन अपार्टमेंट, टैगोर फ्लैट, आशियाना अपार्टमेंट और तक्षशिला कॉलोनी के बाहर मेन गेट पर लगे थे, हालांकि अब ज्यादातर निशानों को सफेद रंग से पोत दिया गया है.

किसने और क्यों लगाए लाल निशान?

दरअसल इस बारे में जब अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉपोरेशन से पूछा गया तो उन्होंने बताया, ‘’गार्बेज कलेक्शन को जीपीएस एप के सहारे मॉनिटर किया जाता है. उसके लिए पॉइंट ऑफ इंटरेस्ट यानी एक लोकेशन का सहारा लिया जाता है और एजेंसिया इस तहत काम करती हैं. इन लोकेशन का पता लगाने के लिए एजेंसी ने बिना म्यूनिसिपल कॉपोरेशन से पूछे लोकेशन वाली जगहों पर क्रॉस निशान लगा दिए, जिसे बाद में कॉरपोरेशन ने पेंट करके हटा दिया.