सूरत: गुजरात के सूरत में मृत्यु के बाद भी एक महिला अमर हो गई है. उसके अंग पांच लोगों की जिंदगी बचाने के काम आए हैं. उसने 'अंग दान महादान' के नारे को हकीकत का रूप देकर समाज को नई दिशा दिखाई है. उसके अंगदान की बदौलत पांच लोगों के जीवन में उम्मीद की किरण पैदा हो गई है. सरथाना में रहनेवाले धीरूभाई कुरजीभाई भुवा ने अपनी पत्नी की किडनी, लीवर और आंखों को दान कर दिया.
मरने के बाद भी महिला हो गई अमर
दरअसल, भुवा की पत्नी प्रभाबेन 1 फरवरी को शाम के वक्त सोसाइटी में सत्संग कर रही थीं. इस दौरान प्रभाबेन अचानक बेहोश हो कर गिर पड़ीं. परिजनों ने उन्हें फौरन वराछा के अस्पताल में दाखिल कराया. डॉक्टरों ने महिला का सिटी स्कैन कराया, तो खुलासा हुआ कि उसे ब्रेन हेमरेज हो गया है. अगले दिन महिला को मृत घोषित कर दिया गया. डॉक्टरों ने परिजनों की मुलाकात डोनेट लाइफ के संस्थापक नीलेश मंडलेवाला से करवाई. उन्होंने परिवार के लोगों को अंददान का महत्व और पूरी प्रक्रिया समझाया. उन्होंने बताया कि महिला की मृत्यु पर अंगदान करने से पांच लोगों को नई जिंदगी मिल सकती है.
अंगदान कर दिया 5 लोगों को नया जीवन
महिला के बेटों ने इस बात का समर्थन किया और बताया कि उनकी मां धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं. बिना सत्संग गए उनका दिन नहीं गुजरता था. परिजनों ने कहा कि प्रभाबेन अक्सर अंगदान पर चर्चा करती थीं. उसको अखबार पढ़ने का बहुत शौक था. बच्चों ने कहा कि मां को सच्ची श्रद्धांजलि देने का ये शुभ अवसर है. हमारे बीच मौजूदगी नहीं होने पर भी उनकी सोच पर चला जा सकता है. मौत के बाद शरीर को जलाकर राख कर दिया जाता है, मगर परेशान लोगों को अंग मिल जाने से नई जिंदगी जीने की उम्मीद पैदा हो जाती है. परिजनों ने लोगों का आह्वान किया कि मृत्यु के बाद सभी लोगों को अंगदान के लिए आगे चाहिए. आपको बता दें कि राजकोट जिले के मोटा ददवा गांव निवासी, धीरूभाई सेवानिवृत्त हैं, जबकि उनके दो बेटे जौहरी हैं.
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